Bhagalpur coronavirus update: हर बुखार के अंदर छिपा है कोरोना वायरस, जांच नहीं कराने वाले मरीजों की बिगड़ जा रही सेहत
Bhagalpur coronavirus update भागलपुर में कोरोना संक्रमण का मामला तेजी से फैल रहा है। इस दौरान लापरवाही के कारण मामला ज्यादा गंभीर हो रहा है। डॉक्टरों के अनुसार अगर शरीर में परेशानी हो तो तुरंत कोरोना की सबसे पहले जांच कराएं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। यदि आपको बुखार है। दो दिन दवा खाने के बाद भी बुखार कम नहीं हो रहा है तो तत्काल चिकित्सक के पास जाकर सलाह लें। टेलीफोनिक सलाह आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। हाल के समय में हर बुखार के पीछे कोरोना वायरस छुपा है। अगर आपको बुखार है और शरीर व जोड़ों में तेज दर्द है तो तत्काल चिकित्सकों की सलाह पर कोरोना जांच कराएं। इसमें जरा सी भी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकता है। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के वरीय चिकित्सक डॉ. आलोक कुमार सिंह का कहना है कि अभी के समय के किसी भी प्रकार का बुखार आने पर कोरोना जांच कराना आवश्यक है। बुखार आने पर अधिकांश लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ रहा है। बुखार आने पर दो दिनों तक अगर ठीक नहीं होता है तो पहले कोरोना के साथ-साथ अन्य जांच तत्काल करा लेनी चाहिए। समय पर इलाज शुरू करने से कोरोना को हराया जा सकता है। देर होने पर मरीज की परेशानी बढ़ सकती है।
कोरोना के लक्षण
-सर्दी, खांसी, बुखार व सिर दर्द होना
-शरीर टूटने वाला बदन दर्द व बुखार होना
-बदन दर्द, बुखार व कमजोरी होना
-बदन दर्द, बुखार व पतला शौच होना
-अचानक होने वाली कमजोरी
-अचानक ऑक्सीजन का कम होना
केस : ललमटिया थाना के सामने एक शिक्षक को सौ के करीब बुखार आया। तीन दिनों तक पारासिटामोल दवा खाकर बुखार ठीक करने का प्रयास किया। अपने एक रिश्तेदार की सलाह पर खून की जांच कराई तो टाइफायड निकला। संबंधित चिकित्सक रिश्तेदार के टेलीफोनिक सलाह पर उन्होंने टाइफायड की दवा खानी शुरू कर दी। अचानक एक रात उन्हें खांसी के साथ सीने में दर्द होने लगी। वे एक चिकित्सक के पास पहुंचे। सिटी स्कैन हुआ तो पता चला कि कोरोना के कारण फेफड़े तक संक्रमण पहुंच गया है। तत्काल इलाज शुरू होने पर उनकी जांच बच गई।
केस : भीखनपुर के एक साहित्यकार को नाथनगर से लौटने के बाद सर्दी-जुकाम के साथ बुखार आ गई। उन्होंने घरेलू उपचार शुरू किया। एक सप्ताह तक ठीक नहीं होने पर अपने एक रिश्तेदार चिकित्सक के कहने पर खून की जांच कराई। जांच में बुखार आने का कारण टाइफायड निकला। अपने रिश्तेदार के टेलीफोनिक सलाह पर उन्होंने टाइफायड की दवा खानी शुरू कर दी। एक सप्ताह तक दवा के खाने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। सांस लेने में परेशानी होने लगी। रिश्तेदार उन्हें लेकर पटना निकले, लेकिन रास्ते में ही उनका निधन हो गया।
हर बुखार के पीछे कोरोना छिपा है। दो दिन बुखार ठीक नहीं होने पर तत्काल कोरोना की जांच कराकर इलाज शुरू कर देना चाहिए। शुरूआत में पता चल जाने पर कोरोना को हराया जा सकता है।
डॉ. आलोक कुमार सिंह, चिकित्सक