Bhagalpur coronavirus update: एक ओर बढ़ रहा कोरोना संक्रमण तो दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम फेल
Bhagalpur coronavirus update लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों के बीच भागलपुर में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। मरीजों को अस्पताल में बेहतर सुविधा नहीं मिल रही है। अक्सीजन की कमी है। मरीज और उसके स्वजन काफी परेशान हैं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bhagalpur coronavirus update: जिले में जैसे-जैसे कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे स्वास्थ्य विभाग का पूरा सिस्टम फेल होता दिख रहा है। जंक्शन पर कोरोना जांच के लिए तीन काउंटर तो जरूर लगा दिए गए हैं। लेकिन, सभी यात्रियों की जांच सही से नहीं हो रही है। कभी काउंटर पर किट समाप्त हो जा रहे हैं तो कभी ग्लब्स। बुधवार को भी जंक्शन पर जांच किट समाप्त हो जाने के कारण करीब चार घंटे तक यात्रियों की जांच नहीं हुई। इस दौरान तीन चार ट्रेनें भी जंक्शन पहुंची और यात्री बिना जांच कराए घर चल दिए। दरअसल, रेलवे स्टेशन पर बनाए गए कोरोना जांच केन्द्र पर दूसरे दिन किट खत्म हो गया। लगभग चार घंटे तक किट उपलब्ध नहीं रहा। इसकी वजह से जांच बाधित रही। 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक किट की उपलब्धता नहीं रही। शाम में एलटीटी-भागलपुर एक्सप्रेस और सूरत एक्सप्रेस के आने से पहले किट पहुंच सका। शिविर के नोडल अधिकारी ने बताया कि स्टोर में किट खत्म हो गया है। इसलिए सेंट्रल स्टोर से किट उपलब्ध कराने को कहा गया था। 12 बजे से चार बजे के बीच ट्रेन के यात्री ही नहीं बल्कि शहर के भी काफी संख्या में लोग जांच कराने के लिए स्टेशन पहुंचे, लेकिन उनकी जांच नहीं हो सकी। सूत्रों की मानें तो जांच किट की उपलब्धता कम हो जाने के कारण सिर्फ ट्रेन के यात्रियों को ध्यान में रखकर किट निकाले जा रहे हैं। ताकि बाहर से आने वाले यात्रियों की स्टेशन पर अच्छी तरह जांच हो सके। पहले शिफ्ट में 94 लोगों की कोरोना जांच की गई, जिसमें 14 पॉजीटिव पाए गए। दो बजे से शाम छह बजे तक महज 37 लोगों की जांच हुई। इसमें चार की रिपोर्ट संक्रिमत निकला।
नहीं आए डॉक्टर
प्रधान सचिव ने एमबीबीएस डॉक्टर को कोविड ड्यूटी में लगाने का निर्देश जारी किया था। सदर अस्पताल में चल रहे डीसीएचसी में चार एमबीबीएस डॉक्टरों को नियुक्त भी किया गया, पर वे नहीं आये। मरीजों का इलाज बाधित रहा। डीसीएचसी में कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जाता है। सिविल सर्जन के निर्देश पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने चार डॉक्टर को प्रतिनियुक्त किया। पत्र में 21 अप्रैल को सभी योगदान करने का निर्देश दिया गया। इसमें डॉ सरताज अहमद, डॉ नारायण कुमार दास, डॉ विक्रांत कुमार, डॉ गौतम प्रकाश को ड्यूटी दी गयी, नहीं आये। बुधवार को यहां भर्ती 26 मरीज इन डॉक्टरों का इंतजार सुबह से देर शाम तक करते रहे। कॉल कर इनको आने के लिए कहा भी गया लेकिन किसी ने योगदान नहीं दिया। कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज इस वार्ड में अब तक आयुष चिकित्सक ही कर रहे हैं। लेकिन वो एलोपैथ दवा देने में हिचकते हैं। इसलिए एमबीबीएस डॉक्टरों की प्रतिनियक्ति की गई थी, ताकि मरीजों का इलाज किया जा सके। को रोगी की गंभीरता और दवा देने के लिए नियुक्त किया गया था। सिविल सर्जन ने इसे गंभीरता से लिया है।