Bhagalpur Coronavirus News Update : लॉकडाउन का सताया भय, रोजगार छोड़कर पहुंचे गए घर, मुंबई से लौटे लोगों ने जानिए क्या कहा?
Bhagalpur Coronavirus News Update बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रवासियों का लौटना शुरू हो गया है। शुक्रवार की शाम मुंबई से भागलपुर पहुंचे लोगों ने बताया कि उन्हें लॉकडाउन फिर से लगने की संभावना दिख रही थी। मुंबई में कोरोना का मामला काफी तेजी से बढ़ रहा है।
भागलपुर [रजनीश]। Bhagalpur Coronavirus News Update : दूसरे प्रदेशों में रोजगार करने वालों में कोरोना की दूसरी लहर में लॉकडाउन का भय सता रहा है। भले ही पिछले वर्ष की तरह लॉकडाउन में श्रमिकों को लाने के लिए श्रमिक स्पेशल का परिचालन नहीं हो रहा है, फिर भी रोजगार करने वाले लोग घर लौटने लगे हैं। शुक्रवार को लोकमान्य तिलक टर्मिनल से भागलपुर पहुंची एलटीटी एक्सप्रेस के जनरल, स्लीपर और एसी क्लास से करीब 1160 पैसेंजर उतरे। उनमें से आधे से ज्यादा मजदूरी करने और अन्य रोजगार करने वाले लोग थे। ये लोग जब भागलपुर पहुंचे तो उनके चेहरे में अलग खुशी और सुकून दिखा।
श्रमिकों ने कहा कि उन्हें लॉकडाउन फिर से लगने की संभावना दिख रही थी। मुंबई में कोरोना का मामला काफी तेजी से बढ़ रहा है। कल-कारखानों में श्रमिकों से शिफ्ट में काम लिया जाने लगा है। इस वजह से हमलोगों ने घर लौटना ही उचित समझा। जंक्शन पर यात्रियों की जांच के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोई पदाधिकारी नहीं दिखे। ऐसे में सीआइटी आरएन पासवान यात्रियों को कतारबद्ध कराकर कोराेना की जांच कराई। मुंबई के 46 यात्रियों ने सैंपल दिया। रेलवे की ओर से जांच के लिए लगातार एनाउंसमेंट की जा रही थी।
बैग-बिस्तर लेकर वापस आए श्रमिक
एलटीटी एक्सप्रेस से उतरने वालों में ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा थी जो रोजगार की तलाश में मुंबई गए थे। सभी लॉकडाउन फिर से लगने की आशंका से सहमे थे। इस कारण बेग-बिस्तर, बाल्टी और अन्य सामान लेकर लौट गए।
गोराडीह के मु. हसनैन ने बताया कि मुंबई में कोरोना का भय ज्यादा है। लॉकडाउन कभी भी लग सकता है। ऐसे में वह दो साथी रहमान और उस्मान के साथ घर लौट गए। हसनैन ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ बरीच मोहल्ले में रहता था। नाथनगर के भतोडिय़ा निवासी मु. रहमत मुंबई के वर्ली इलाके में रहकर सिलाई का काम करता था। वह भी साथियों के साथ लौट आया।
तीन दिनों के बाद तत्काल में मिला कंफर्म टिकट
शाहिद, मु. कौशर, मु. बिलाल राजमिस्त्री, सिलाई और कुक का काम करते थे। ये लोग बांका, पूर्णिया के रहने वाले हैं। सभी वर्ली इलाके में एक कमरे में ही रहते थे। कोरोना का मामला बढऩे के बाद नाइट कफ्र्यू लग गया। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी लॉकडाउन लगने का अंदेशा लगने लगा। मु. कौशर ने बताया कि घर आने के लिए ट्रेन में टिकट नहीं मिल रहे थे। तीन दिनों से तत्काल के लिए कतारबद्ध थे। बुधवार को स्लीपर में कंफर्म टिकट मिला।
सिलाई, राजमिस्त्री और कुक का करते थे काम
नवगछिया के रंगरा प्रखंड के चंद्रहास मंडल, सुरेंद्र मंडल, मुन्ना कुमार, छोटू लॉकडाउन लगने के भय से घर आए गए। घर-गांव में ही रहकर कमाई करेंगे। पूछने पर बताया कि वे लोग एक सप्ताह से मुंबई के कलवा स्थित किराए घर बैठे थे। सारी जमा पूंजी समाप्त हो गई है। इसलिए वापस लौटने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा।
अभी करेंगे इंतजार, फिर लेंगे फैसला
ट्रेन से उतरे लोगों ने कहा कि फिर से लॉकडाउन लगता है तो कुछ दिन, महीने इंतजार करेंगे। इसके बाद रोजगार को लेकर निर्णय करेंगे। मुंबई के कलवा से लौटे रंगरा के छोटू कुमार और मुन्ना ने बताया कि पिछली बार भी लॉकडाउन में घर आए थे, रोजगार नहीं मिला तो वापस मुंबई चले गए। इस बार सोच समझकर निर्णय लेंगे। सभी पांच से छह वर्ष से मुंबई में रहकर रोजगार कर रहे हैं।