Bhagalpur Coronavirus News Update: 24 घंटे में भागलपुर में आठ संक्रमितों की मौत, तीन बांका, एक कटिहार और एक दुमका के मरीज शामिल
Bhagalpur Coronavirus News Update भागलपुर में कोरोना संक्रमण का मामला तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। पिछले 24 घंटे के अंदर यहां पर आठ मरीजों की मौत हो चुकी हे। इसमें तीन बांका एक कटिहार और एक दुुमका का मरीज शामिल है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में गुरुवार को 24 घंटे में आठ कोरोना मरीजों की मौत हो गई। इनमें भागलपुर के दो, बांका के तीन, दुमका के एक और कटिहार और मुंगेर के एक-एक मरीज शामिल हैं।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. एके दास ने बताया कि सभी मरीजों की स्थिति नाजुक थी। सांस लेने में परेशानी हो रही थी और ऑक्सीजन लेवल भी कम हो रहा था। भागलपुर सजौर के 65 वर्षीय बुजुर्ग को 14 अप्रैल को आईसीयू में भर्ती किया गया था। गुरुवार को मौत हो गई। दूसरे मृतक महेशपुर के 50 वर्षीय व्यक्ति थे।
वहीं दुमका के 68 वर्षीय कोरोना मरीज, कटिहार की 75 वर्षीय महिला, बांका के 65 वर्षीय, 35 वर्षीय महिला को 14 अप्रैल को और बेलहर के 70 वर्षीय बुजुर्ग को 13 अप्रैल को भर्ती किया गया इसके अलावा मुंगेर के 60 वर्षीय बुजुर्ग को 14 भर्ती किया गया। इनकी मौत गुरुवार को हो गई।
विधायक अमन पासवान सहित 188 कोरोना मरीज अस्पताल में भर्ती
जागरण संवाददाता, भागलपुर : जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में विधायक अमन पासवान सहित 188 कोरोना मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। स्थिति यह है कि विधायक को भी बेड मिलने में बड़ी परेशानी हुई। पैरवी तक करनी पड़ी, फिरा भी बेड खाली होने के बाद ही उन्हें बेड दिया गया। मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अब बेड भी मिलना मुश्किल हो गया है। अस्पताल के अथवा शहर के वरीय चिकित्सक के संबंधी या पहचान वाले कोरोना से ग्रस्त हो रहे हैं तो उन्हें भी बेड के लिए पैरवी करनी पड़ रही है।
अस्पताल के आइसीयू में 40 और आइसीयू के पास ही गायनी विभाग में 36 कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया हे। आइसोलेशन में 92 मरीज को भर्ती किया गया हैद। वहीं मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इंडोर मेडिसीन विभाग को भी सामान्य मरीजों से खाली कराया गया है। इस विभाग में 20 कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया है। विधायक को देखने अस्पताल अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास सुरक्षा पोशाक पहनकर गए थे। हालांकि उनका ऑक्सीजन लेवल 93 फीसद है। स्थिति यह है कि आइसोलेशन वार्ड में 20 से ज्यादा कोरोना मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें आइसीयू में भर्ती करने की आवश्यकता है, लेकिन बेड खाली नहीं है। अस्पताल के वैसे चिकित्सक जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा हैं उनमें अधिकांश कई बीमारियों से ग्रस्त हैं। पीजी छात्रों द्वारा इलाज किया जाता है। 30 फीसद वरीय चिकित्सक ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं। कम से कम 60 चिकित्सकों का आवश्यकता है।