Bhagalpur Corona News : फ‍िर बढ़ने लगी कोरोना मरीजों की संख्‍या, ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ज्‍यादा आ रहे चपेट में

भागलपुर में कोरोना संक्रमण का मामला फ‍िर से बढ़ने लगा है। छह नए मरीज मिलने के बाद हड़कंप मच गया है लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग लापरवाही बरत रहे हैंं। इससे संक्रमण के मामले और बढ़ सकते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 17 Jul 2021 09:19 AM (IST) Updated:Sat, 17 Jul 2021 09:19 AM (IST)
Bhagalpur Corona News : फ‍िर बढ़ने लगी कोरोना मरीजों की संख्‍या, ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ज्‍यादा आ रहे चपेट में
भागलपुर में कोरोना संक्रमण का मामला फ‍िर से बढ़ने लगा है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। कोरोना की दूसरी लगर के बाद हाल के कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिली थी। इससे लोगों ने राहत की साल ली, लेकिन अब फ‍िर से कोरोना संक्रमितों की संख्‍या बढ़ने लगी है। अभी सबसे ज्‍यादा मरीज ग्रामीण क्षेत्रों में मिल रहे हैं।

शुक्रवार को जिले में कोरोना के छह मरीज मिले हैं। इनमें गोराडीह प्रखंड के डंडाबाजार निवासी 16 वर्षीय और शाहकुंड के 37 वर्षीय युवक, खरीक तुलसीपुर निवासी 29 वर्ष की युवती शामिल हैं। जिले में अबतक 25780 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। 308 मरीजों की मौत हुई है। 25441 मरीज स्वस्थ भी हो गए। रिकवरी रेट 98.87 फीसद है। सक्रिय मरीजों की संख्या 31 है।

लोग दिख रहे लापरवाह

संक्रमण के आंकड़े में कमी आते ही लोगों की लापरवाही भी शुरू हो गई है। लोग बिना मास्‍क के इधर-उधर घुमते नजर आ हरे हैं। बाजार और दुकानों में भी मास्‍क नहीं पहन रहे हैं। ऐसे में संक्रमण की रफतार भी बढ़ना तय है। साथ ही बिना मास्‍क पहने लोगों पर पुलिस भी कार्रवाई नहीं कर रही है।

आक्सीजन की कमी से हुई थी ज्यादातर कोरोना मरीजों की मौत

जागरण संवाददाता, भागलपुर : आक्सीजन की कमी की वजह से ज्यादातर कोरोना मरीजों की मौत हुई थी। जिन मरीजों को ज्यादा आक्सीजन की जरूरत है उन्हें मास्क के जरिए ऑक्सीजन देने से जान बच सकती है। ये बातें शुक्रवार को कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के दौरान मायागंज अस्पताल के मेडिसीन विभाग में नर्सों को प्रशिक्षण देते हुए टीबी एंड चेस्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ. डीपी ङ्क्षसह ने कही। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में ऐसे मरीज भी अस्पताल में भर्ती हुए जिनका ऑक्सीजन लेबल 30 से 40 फीसद था। ऐसे लोगों की इलाज में देरी होने से उनकी मौत हो सकती है। इसे नर्स भी नहीं समझ पार्इं, इसलिए आक्सीजन की कमी से उनकी मौत हुई। बाइपैप का उपयोग नर्स खुद कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में कई मरीजों की मौत टायलेट जाने के दौरान हुई।

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