आठ महीने भी नहीं चल पाया 230 करोड़ रुपये का बाइपास, धंस गई सड़क, अभी नहीं हुआ है उद्घाटन Bhagalpur News

उद्घाटन की बाट जोहते-जोहते स्थायी बाइपास अब अंतिम सांसे गिनने लगा है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे इसके निर्माण की कहानी बता रहे हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 02:31 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 02:31 PM (IST)
आठ महीने भी नहीं चल पाया 230 करोड़ रुपये का बाइपास, धंस गई सड़क, अभी नहीं हुआ है उद्घाटन Bhagalpur News
आठ महीने भी नहीं चल पाया 230 करोड़ रुपये का बाइपास, धंस गई सड़क, अभी नहीं हुआ है उद्घाटन Bhagalpur News

भागलपुर, जेएनएन। शहर में वाहनों के दबाव को कम करने के लिए 230 करोड़ से बना स्थायी बाइपास आठ महीने भी नहीं चल सका। गोपालपुर से अलीगंज के बीच कई जगह इसकी सड़क धंस गई है। बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। अब इसकी मरम्मत में फिर से पांच करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

उद्घाटन की बाट जोहते-जोहते स्थायी बाइपास अब अंतिम सांसे गिनने लगा है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे इसके निर्माण की कहानी बता रहे हैं। गोपालपुर से अलीगंज तक चार किलोमीटर सड़क जर्जर हो चुकी है। बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। टोल प्लाजा से अलीगंज के बीच कई जगह सड़क धंस गई है जबकि पांच साल तक इसमें कोई खराबी नहीं आने की बात कही गई थी। एनएच विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाइपास पर वाहनों का दबाव बढ़ गया है। घंटों जाम के कारण एक जगह लोडेड वाहनों के खड़े रहने और हर पांच-दस मीटर बाद वाहनों में बार-बार ब्रेक लगाने से सड़क को नुकसान पहुंचा है।

हादसे का शिकार हो रहे लोग

जर्जर सड़क के कारण बाइपास पर आवागमन भी प्रभावित हो रहा है। दिन ढलते ही वहां अंधेरा छा जाता है। सड़क पर मौजूद गड्ढे दिखाई नहीं पडऩे के कारण दोपहिया चालक अक्सर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। वहीं, गड्ढों से बचने के दौरान चालकों का संतुलन बिगड़ जाता है। इस वजह से लोग सड़क हादसे का शिकार हो रहे हैं। दिसंबर 2019 में भारी वाहन के धक्के से एक बाइक सवार की मौत हो गई थी। इससे पूर्व भारी वाहन ने साइकिल सवार को रौंद दिया था।

सात सदस्यीय टीम ने की जांच

कुछ दिन पहले एनएच-80 के कार्यपालक अभियंता राजकुमार के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम ने बाइपास में आई खराबी की जांच की थी। इसमें निर्माण एजेंसी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट के अधिकारी, ऑथिरिटी इंजीनियर और सहायक अभियंता शामिल थे।

वाहनों के अत्यधिक दबाव के कारण बाइपास को नुकसान पहुंचा है। दस दिनों में निर्माण एजेंसी को मरम्मत शुरू करने का निर्देश दिया गया है। सड़क खोदकर नए सिरे से बनाई जाएगी। इसमें दो माह का समय लगेगा। इस दौरान वन-वे ट्रैफिक किया जाएगा। जीआर इंफ्रा को पांच साल तक रखरखाव करना है। मरम्मत में जो भी खर्च आएगा एजेंसी को ही वहन करना है। -अनिल कुमार सिन्हा, मुख्य अभियंता, एनएच विभाग।

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