BAU : बगैर मिट्टी के होगा सब्जी और चारा का उत्पादन, यहां बन रहा हाइटेक यूनिट
बीएयू में 53 लाख से स्थापित होगी बिहार की पहला हाइटेक यूनिट। बिहार समेत आसपास के चार राज्यों के किसानों को मिलेगा लाभ। किसानों को मुकम्मल प्रशिक्षण से रोजगार और स्वरोजगार का मिलेगा अवसर। खेती किसानी में काफी लाभ मिलेगा।
भागलपुर [ललन तिवारी]। बिहार कृषि विश्वविद्यालय में कम होती जमीन, जल संकट और समय के अभाव को ध्यान में रखते हुए बगैर मिट्टी की सब्जी और पशुचारा उत्पादन का बड़ी यूनिट लगने जा रही है। 53 लाख की लागत से बनने वाले यूनिट से बिहार सहित आसपास के राज्य झारखंड, बंगाल, उत्तर प्रदेश के किसान लाभान्वित होंगे।
विश्वविद्यालय में तीन माह में लगेगा यूनिट
परियोजना के वरीय विज्ञानी संजीव गुप्ता कहते हैं कि तीन से चार माह के अंदर यूनिट अपने पूर्ण वजूद में आ जाएगा। उसके बाद फसल उत्पादन की तकनीक किसानों को दिखा कर और स्वयं कराकर मुकम्मल प्रशिक्षित किया जाएगा। ताकि ये किसान छोटे से बड़े स्तर पर बगैर जमीन के फसल व चारा का उत्पादन कर सकें। ऐसे युवा जो यूनिट लगाने में सक्षम नहीं हो सकेंगे उन्हें दूसरे किसानों के यूनिट में ट्रेंड श्रमिक के रूप में रोजगार मिलेगा।
सरकार से मिलेगा अनुदान
तकनीक का ज्ञान अर्जन करने वाले किसानों को सरकार से अनुदान दिलाने और बैंक से सहयोग कराने में भी बीएयू मदद करेगा। इतना ही नहीं यूनिट संचालन में भी विज्ञानी देख रेख करेंगे।
क्या और कैसे होगा लाभ
आम जमीन पर चारा उत्पादन में दो माह का समय लगता है जबकि इस तकनीक से आठ से 10 दिन में तैयार हो जाएगा। सब्जी में भी गुणवत्ता का तत्व डेड़ से दो गुणी होगी। 90 फीसद सिचाई की बचत होगी। मिट्टी की जरूरत नहीं होने के कारण जमीन सिर्फ मशीन आदि रखने मात्र के लिए जरूरत होगी। तीन गुणा समय की बचत होगी।
क्या होगा परिणाम
आने वाले समय में सब्जी और चारा का बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा। राज्य में पशु उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। गुणवत्ता पूर्ण फसल के कारण पशु और आदमी सहित सूबा स्वस्थ होगा। किसान समृद्ध बनेंगे। देश स्वावलंबी होगा।
बहुत जल्द यूनिट का निर्माण कराया जाएगा। आने वाले समय में सब्जी और चारा उत्पादन में नई क्रांति आएगी। विश्वविद्यालय प्रयास कर रहा है। - डॉ. आरके सोहाने, कुलपति बीएयू सबौर