BAU: अब नीम लगाने का किसानों को करेगा प्रेरित, बिहार के भागलपुर में पहला प्रयोग, खासियत गजब
BAU बिहार के भागलपुर में एक मेड़ एक पेड़ की तर्ज पर जिले में पांच हजार नीम का पौधा लगेगा। नीम में काफी खासियत काफी है। पत्तियों और बीज के लिए कीटनाशक के प्रयोग होंगे। बिहार के भागलपुर में पहला प्रयोग।
भागलपुर [ललन तिवारी]। औषधीय गुणों से युक्त नीम का पौधा लगाने के लिए बीएयू अब कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों को प्रेरित करेगा। कोरोना महामारी के दौरान औषधीय पौधों की मांग बढ़ी है। लेकिन नीम को लेकर लोगों में रूचि नहीं बढ़ी है। लोगों की रूचि बढ़ाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र सबौर ने यह कवायद आरंभ की है। पहले दौर में एक मेड़ एक पेड़ की तर्ज पर जिला में पांच हजार नीम का पौधा लगाया जाएगा। किसानों के खेत नीम के पौधों से अच्छादित होने के बाद उसके पत्तियों और बीज से कीटनाशक बनाने की कला किसानों को सिखाई जाएगी। जिससे रासायनिक कीटनाशक का उपयोग कम होगा। खेती का खर्च भी कमेगा। यह प्रयोग बिहार में सिर्फ भागलपुर जिला में आरंभ किया गया है।
नीम के फायदे
केवीके के इंचार्ज डा. विनोद कुमार कहते हैं कि खेती किसानी के लिए उपयोगी के साथ साथ नीम का पौधा अपने लंबाई से बीस गुणा वातावरण को स्वच्छ करता है। इसके कारण प्रदुषण कम होगा। आक्सीजन की मात्रा वायुमंडल में बढ़ेगी। एयर प्यूरिफ़ायर का काम करता है। ऑक्सीजन के जरिए मानव जीवन को बचाती है। मिट्टी के क्षरण यानी उसे धूल बनने से रोकता है। जमीन से उसे बांध कर रखता है। भू जल स्तर को बढ़ाने में सबसे ज्यादा मदद करता है। इसके अलावा यह वायु मंडल के तापक्रम को कम करता है। पेड़ों से आच्छादित जगह पर दूसरी जगहों की अपेक्षा चार डिग्री तक तापमान कम होता है। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ पेड़ हर दिन लगभग 230 लीटर ऑक्सीजन छोड़ता है, जिससे सात लोगों को प्राण वायु मिल पाती है। वायुमंडल से प्रदूषित वायु का शोषण कर शुद्ध एवं स्वच्छ ऑक्सीजन का उत्सर्जन करत करता है।
केवीके के माध्यम से एक मेड़ एक पेड़ का प्रयोग आरंभ किया जा रहा है। औषधीय गुणों का बहुआयामी नीम का पांच हजार पौधा भागलपुर जिला में लगाया जाएगा। किसानी से लेकर मानव,जीव -जंतु और प्रकृति के लिए लाभकारी होगा। - डा. अरुण कुमार, कुलपति बिएयू सबौर