बीएयू ने दिया युवाओं को सुनहरा मौका, नया आइडिया लाइए, 25 लाख रुपये का अनुदान पाइए, जानिए

राज्‍य के युवाओं को बीएयू ने एक बेहतर अवसर दिया है। युवाओं को तकनीक बाजारीकरण का ज्ञान और व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षण के माध्यम से किया जाता है। युवाओं को मशीन की खरीदारी लायसंस बैंक सहयोग आदि में भी बीएयू मदद करता है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Sun, 06 Jun 2021 04:22 PM (IST) Updated:Sun, 06 Jun 2021 04:22 PM (IST)
बीएयू ने दिया युवाओं को सुनहरा मौका, नया आइडिया लाइए, 25 लाख रुपये का अनुदान पाइए, जानिए
कृषि से जुड़े व्यवसाय से कृषि और युवा दोनों का विकास करने विश्वविद्यालय प्रयास कर रहा है

भागलपुर [ललन तिवारी]। बिहार कृषि विश्वविद्यालय युवाओं के लिए सुनहरा भविष्य के साथ समृद्धि का द्वार खोल रहा है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना रफ्तार अंतर्गत वित्त पोषित परियोजना संचालित किया जा रहा है। उसके तहत सबौर एग्री इनक्यूबेटर्स सेंटर की स्थापना किया गया है। इसमें कृषि उद्यमिता उन्मुखीकरण कार्यक्रम के तहत सबउमंग और स्टार्टअप एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन कार्यक्रम के तहत सबस्वावलंबी योजना चल रही है।

कृषि से जुड़े उद्यम करने के नया आइडिया युवा अगर लेकर आते हैं तो उन्हें इस उद्यम को करने के लिए प्रशिक्षण देकर उद्यमी का व्यक्तित्व सहित सभी ज्ञान से अपडेट किया जाता है। उसके बाद उद्यम अनुसार पांच लाख से 25 लाख तक अनुदान के लिए चयन कर सरकार को भेजा जाता है। स्वीकृतिपरांत राशि देकर उद्यम विशेषज्ञों की देख रेख में स्टार्ट कराया जाता है। इसके लिए विश्वविद्यालय ऐसे युवाओं को इसमें सामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहा है। कुछ कर गुजरने की जज्‍बा रखने वाले युवा आवदेन कर इसका लाभ उठा सकते हैं।

सनद हो कि भागलपुर सहित बिहार के युवाओं के लिए एक बेहतर अवसर है। युवाओं को उद्यम करने की तकनीक, बाजारीकरण का ज्ञान और व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षण के माध्यम से किया जाता है। उसके अलावा उद्यम में लगने वाला मशीन की खरीदारी, लायसंस, बैंक सहयोग आदि में भी विश्वविद्यालय मदद करता है। उद्यम विशेषज्ञों की देख रेख में तब तक संचालित होता है। जबतक उद्यम में उड़ान की पंख नहीं लग जाय।

युवाओं को उनके ही नया आइडिया में उन्हें परांगत किया जाता है। साथ ही उद्यम लगाने के लिए सरकार अनुदान देती है। इससे युवा व्यवसाई बनेंगे,बिहार में उद्यम लगेगा। किसानी का चौमुखी विकास होगा। रोजगार का अवसर मिलेगा। विश्वविद्यालय प्रयास कर रहा है। कृषि और पशुपालन व्‍यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है। लगातार इसकी मॉनिट‍रिंग की जा रही है। - डॉ. आरके सोहाने, कुलपति बीएयू सबौर

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