बैंकिंग सेवा: बैंकों में दम तोड़ रहे बेरोजगारों के सपने, आवेदन पर नहीं किया जाता विचार
बैंकिंग सेवा बैंक ऋण देना नहीं चाहती है। पीएमईजीपी के लिए वित्तीय वर्ष 20-21 में 134 एवं 21-22 में 144 आवेदन बैंकों में हैं लंबित। सरकार द्वारा सब्सिडी राशि जमा करने के बाद भी बैंक नहीं दे रहे लोन।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। सरकार बेरोजगारों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। स्वरोजगार खड़े करने के लिए सरकार उन्हें सब्सिडी के साथ लोन देने वाली कई योजनाएं लांच की है जिनमें पीएमईजीपी प्रमुख है। ऐसी योजनाओं के लिए जिला उद्योग केंद्र योग्य आवेदकों का चयन कर उन्हें लोन के लिए बैंकों के पास भेजती है लेकिन बैंक उन्हें तबज्जो नहीं दे रहा है। गत वित्तीय वर्ष 20-21 बेरोजगार युवाओं के 134 आवेदन विभिन्न बैंकों में धूल फांक रहे हैं। जबकि चालू वित्तीय वर्ष मेंं भी 144 आवेदन बैंकों में लंबित हैं। ऐसे आवेदक बैंकों की चौखट पर जाकर अपने जूते घिस चुके हैं लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा। उन बेरोजगारों के सपने बैंकों में दम तोड़ने लगे हैं।
नकारात्मक है बैंकों का रवैया
बेरोजगारी उन्मूलन के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में लाभुकों को ऋण देने में बैंकों का रवैया टाल मटोल वाला है। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक संजय वर्मा कहते हैं कि पीएमईजीपी बेरोजगारी उन्मूलन की महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत अनपढ़ से लेकर पढे़-लिखे युवा भी बैंकों से ऋण लेकर स्वरोजगार कर सकते हैं। लेकिन जिले में बैंक प्रबंधन का रवैया इसके प्रति नकारात्मक है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी ने बैंकों को अधिक से अधिक ऋण देने का निर्देश दिया है।
पीएमईजीपी के तहत 25 लाख तक मिलता है लोन
केंद्र सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए पीएमईजीपी योजना लांच किया है। इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु ओर मध्यम उद्यम क्षेत्र का विकास किया जाना है। इसके तहत अनपढ़ और कम पढे़ लिखे लोग भी ऋण लेकर अपना रोजगार खड़ा कर सकते हैं। इसके तहत विनिर्माण क्षेत्र के लिए 25 लाख और सेवा क्षेत्र के लिए 15 लाख रुपये तक का ऋण लिया जा सकता है। लेकिन बैंकों की टाल मटोल रवैये की वजह से इसका समुचित लाभ नही मिल पा रहा है।
मार्जिन मनी मिलने के बाद भी बैंक नहीं दे रहा ऋण
जिला उद्योग केंद्र द्वारा आवेदन स्वीकृत कर बैंकों को भेजने एवं टीएफसी द्वारा चयन के बाद भी आवेदकों को पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत ऋण मुहैया कराने में आनाकानी की जा रही है। जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक संजय कुमार वर्मा कहते हैं कि शहर का कोई ऐसा बैंक नहीं है, जो आवेदक के सही कागजात होने के बावजूद आसानी से ऋण दे सके। बताया कि जिला उद्योग केंद्र द्वारा भेजे गए दर्जनों आवेदन को बैंक अस्वीकृत कर वापस भेज देता है। उस पर वायवल अथवा अंडर प्रोसेस लिख कर आवेदक को अस्वीकृत कर देता है। बैंकों की इस प्रक्रिया से आवेदन के अस्वीकृत होने का स्पष्ट कारण का पता नहीं चल पाता है। जिसके कारण आवेदक को समझ में यह नहीं आता है कि उनका आवेदन अस्वीकृत हुआ है या बैंक के प्रोसेस में है। वित्तीय वर्ष 20-21 में 134 आवेदन विभिन्न बैंकों में लंबित है जबकि उसकी सब्सिडी की राशि यानि मार्जिन मनी 364.76 लाख रुपये सरकार ने बैंक को दे दी है। यहीं हाल वित्तीय वर्ष 21-22 में भी है। 21-22 में बैंकों के पास 144 आवेदन लंबित हैं जबकि उनके पास 394.71 लाख मार्जिन मनी स्वीकृत कर दिया गया है। इस तरह खासकर प्रधानमंत्री सृजन रोजगार योजना बैंकों की वजह से प्रभावित हो रहा है।