Banka Panchayat Chunav: तीज-त्योहार और धनकटियां की बारात, गांव की बनने वाली सरकार का समीकरण बदलेंगे प्रवासी मतदाता
Banka Panchayat Chunav पंचायत चुनाव ने गांवों में लाया धनकटनियां की बारात वार्ड की गोलबंदी में वोट डालने पहुंचे गांव। अब छठ मनाकर ही लौटेंगे परदेश। अच्छी फसल की समय पर कटनी से रबी को भी मिलेगा मौका।
राहुल कुमार, जागरण संवाददाता, बांका। Banka Panchayat Chunav: गुलाबी ठंड ने भले अभी दस्तक नहीं दी है। मगर दो दिनों की बरसात ने ठंड के आगमन का इशारा कर दिया है। गांव के खेतों में धान की बलियां झुककर शोर करने लगी है। बस एक दो दिनों में धनकटनी से बहियार गुलजार हो जाएगा। इस बीच पंचायत चुनाव का शोर गांवों में धनकटनियां की बारात लेकर पहुंच गया है। गांव-गांव में वार्ड चुनाव की गोलबंदी ने प्रवासी मतदाता को घर बुला लिया है। चुनाव पूरा करने वाले प्रखंड के साथ अभी चुनाव होने वाले इलाके में भी प्रवासी मतदाता के आने की भरमार है। चुनाव जीतने के लिए अपने नाते-रिश्तेदारों को किराया तक देकर वोट डालने घर बुलाया गया है। अब वे मतदान कर चुनाव जीत-हार का समीकरण बदल रहे हैं।
जिनके घर या गोतिया में अधिक प्रवासी पहुंचे वार्ड में उनकी जीत पक्की हो रही है। ऐसे लौटे लोग खेत में धान की पक रही फसल की कटनी भी साथ-साथ करेंगे। ऐसे कामगारों को अभी लंबे अंतराल के बाद अपने घर दीपावली और छठ भी मनाने का मौका हाथ लग जाएगा। मतदान, त्योहार के साथ काम भी एक साथ मिल गया है।
चुनाव ने लौटा दिया अधिकांश कामगार
कोलकाता से लौटे पंकज कुमार, काश्मीर से लौटे सुरेश, रणवीर आदि ने बताया कि उनके घर चुनाव में कोई ना कोई प्रत्याशी था। कोई वार्ड में तो कोई मुखिया-सरपंच में कूदा हुआ था। ऐसे मौके पर अपने लोगों को वोट देने गांव नहीं आते थे, सब दिन कहने का रह जाता। अब लौटे हैं तो घर में मतदान के साथ धनकटनी का काम और त्योहार दोनों है। किसान जयशंकर मंडल, ओमप्रकाश सिंह आदि बताते हैं कि इस बार खेत में धान की फसल पहले पक गई है। बस बारिश के कारण कटनी रूक गई है।
दिन खुलते ही अगले सप्ताह से धनकटनी तेज हो जाएगी। गांव में त्योहार और मतदान को लेकर मजदूरों की इस बार कोई कमी नहीं है। अब धनकटनी पूरी किए बगैर लौटने वालों की संख्या काफी कम है। रजौन के श्याम यादव ने बताया कि वे पंचायत चुनाव के कारण ही लौटे हैं। अपने भाई को वार्ड का चुनाव जीताया। अब धनकटनी और त्योहार सब पूरा कर ही दिल्ली लौटेंगे। बताया जा रहा है कि जिला भर में एक लाख से अधिक कामगार पंचायत चुनाव में वोट डालने घर लौटे हैं।