Banka: इन किसानों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया मानसून... 300 एकड़ में सफल रही सीधी बुआई, जानिए क्यों है खास
बांका में मानसून का साथ मिलने से सीधी बुआई सफल रही। यहां पर कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानियों की देखरेख में करीब तीन सौ एकड़ में मौसम अनुकूल खेती हो रही है। साथ ही अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रेरित किया जाता है।
संवाद सूत्र, बांका। मौसम की पहली बारिश धान की सीधी बोआई के लिए वरदान साबित हो रही है। जिले के रजौन प्रखंड अंतर्गत जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम से जुड़े गांव में बारिश के ठीक पूर्व नौ जून की संध्या तक जीरो टिलेज मशीन एवं डीएसआर प्लांटर द्वारा बोआई की गई थी। इसके उपरांत झमाझम बारिश के बाद बीज का अंकुरण बहुत ही अच्छा हुआ है। खेतों में अपनी फसल को देख किसानों के चेहरे खिल उठे हैं।
रजौन प्रखंड के उपरामा के राजेश कुमार चौधरी ,ओम प्रकाश चौधरी, अवध नारायण चौधरी कठौन से अभिषेक भारती ,सुभाष बिहारी, मिल्टन दास ,लीलातरी से सुजीत राव उमाकांत राव इत्यादि किसानों ने इसे संतोषप्रद बताया। कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विभाग द्वारा एक सप्ताह पहले से ही मौसम संबंधी सूचना जारी कर दी गई थी। इसे देखते हुए हमलोगों ने अपने खेतों की तैयारी कर ली एवं केविके द्वारा समय पर धान की सीधी बोआई कर दी गई। इससे बारिश के बाद खेतों में धान के बीजों का अंकुरण काफी अच्छा हुआ। पुरानी परंपरा के मुताबिक किसान मृगशिरा नक्षत्र के अंत में या फिर आद्रा नक्षत्र के शुरुआत में धान की बोआई करना उचित समझते हैं। किंतु धान के लंबी अवधि के प्रभेद जैसे स्वर्णा( एमटीयू 7029) ,सबौर श्री एवं मध्यम अवधि के प्रभेद राजेंद्र श्वेता ,सांभा (बीपीटी 5204) इत्यादि धान की बोआई मृगशिरा नक्षत्र के शुरुआत में की जानी चाहिए
केवीके के विज्ञानी डॉ रघुवर साहू ने बताया कि किसानों को यथासंभव बोआई का कार्य शीघ्र कर लेना चाहिए। ताकि धान की फसल लेने के बाद आगे यानी रबी की फसल में विलंब की संभावना कम हो। वैसा किसान जिनके खेत में लेजर लैंड लेवलर से समतलीकरण किया गया था या अन्य किसान भी अपने खेत में कदवा करके वैसे ड्रम सीडर से धान की सीधी बोआई कर सकते हैं, ताकि धान की रोपाई के भारी भरकम खर्च से बच सकें।