राष्ट्रीय स्तर पर लागू होगा बांका मॉडल : खेती किसानी के साथ साथ यहां लोग करते हैं डॉक्टरी, जानिए क्यों है खास

बांका के सामुदायिक पशु स्वास्थ्य केंद्र प्रसार मॉडल को अब राष्‍ट्रीय स्‍तर पर लागू किया जा सकता है। इसके लिए केविके की ओर से विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध कराई जा रही है। इसके तहत किसानों को पशु के प्राथमिक उपचार के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 04:40 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 04:40 PM (IST)
राष्ट्रीय स्तर पर लागू होगा बांका मॉडल : खेती किसानी के साथ साथ यहां लोग करते हैं डॉक्टरी, जानिए क्यों है खास
बांका के सामुदायिक पशु स्वास्थ्य केंद्र प्रसार मॉडल को अब राष्‍ट्रीय स्‍तर पर लागू किया जा सकता है।

 बांका [सुधांशु कुमार]। आदिवासी खेती-किसानी के साथ अब डॉक्टरी भी कर रहे हैं। अब इस मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए कृषि अनुसंधान पूसा ने विस्तृत जानकारी मांगी है। जल्द ही केविके की ओर से इस मॉडल से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। कृषि विज्ञान केंद्र बांका की ओर से सामुदायिक पशु स्वास्थ्य केंद्र प्रसार मॉडल तैयार किया गया है। इसके माध्यम से आदिवासी गांव में लोगों को पशुओं की देखरेख, टीकाकरण आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। विज्ञानी डॉ धर्मेंद्र ने बताया कि ये लोग पशुओं की देखरेख और समय-समय पर टीकाकरण आदि भी खुद करने लगे हैं। इससे उन्हें पशु अस्पतालों और डॉक्टरों का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है! 

आदिवासी गांव में लोगों को पशुओं की देखरेख, टीकाकरण आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। अभी तक बुढवाबथान, लौगांय, पोखरिया, खिरकीतरी एवं बायोटेक किसान हब के तहत चयनित चुटिया गांव में इस तरह का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ये लोग पशुओं की देखरेख और समय-समय पर टीकाकरण आदि भी खुद करने लगे हैं। इससे उन्हें पशु अस्पतालों और डॉक्टरों का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है।

इस तरह दिया जाता है प्रशिक्षण

केविके के पशु विज्ञानी डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि सामुदायिक पशु स्वास्थ्य केंद्र प्रसार मॉडल के माध्यम से पशुपालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके तहत किसानों और युवाओं को प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण देकर पशु चिकित्सा किट उपलब्ध भी कराया जा रहा है। साथ ही सामुदायिक पशु स्वास्थ्य केंद्र पर विभिन्न प्रकार के पशु में होने वाली बीमारी और उसके उपचार संबंधी पोस्टर भी लगाए गए हैं। साथ ही इस मॉडल के द्वारा युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है।

विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने की तैयारी

दो दिन पूर्व हुए प्रसार शिक्षा परिषद की बैठक में पशु विज्ञानी डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने सामुदायिक पशु स्वास्थ्य केंद्र प्रसार मॉडल को प्रस्तुत किया है। साथ ही कृषि अनुसंधान संस्थान के उप महानिदेशक डॉ अशोक कुमार ङ्क्षसह ने इस मॉडल की विस्तृत जानकारी मांगी। इस मॉडल का अध्ययन करने के बाद इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा सकता है।

डॉ. आरके सोहाने, कुलपति, बीएयू सबौर  

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