बांका : किसान 30 जून तक कर सकते हैं मध्यम अवधि के धान की बोआई, ड्रम सीडर होगा मददगार
धान की बोआई के लिए अभी अनुकूल समय है। किसान बारिश का लाभ उठाकर अपने खेतों में पाटा मार कर ड्रम सीडर से धान की सीधी बोआई कर सकते है। समय पर बुआई करने से अच्छी पैदावार भी होती है।
संवाद सूत्र, बांका। जिले में लगातार रूक-रूक कर हो रही बारिश किसानों के लिए काफी लाभप्रद है। किसान बारिश का लाभ उठाकर अपने खेतों में पाटा मार कर ड्रम सीडर से धान की सीधी बोआई कर सकते है। ये बातें केविके के विज्ञानी डॉ. रघुवर साहू ने जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत की गई धान की सीधी बोआई का निरीक्षण के दौरान कही। उन्होंने कहा कि धान की सीधी बोआई किसानों के लिए काफी हितकर साबित हो रही है।
डॉ. साहू ने कहा कि इस बार जिले में काफी अच्छी बारिश हो रही है। किसान इस बारिश का लाभ उठाएं। अपने खेतों में पाटा मार कर किसान ड्रम सीडर से धान की बोआई कर सकते है। मध्यम अवधि के धान की बोआई का सही समय 30 जून तक माना जाता है। यदि किसान समय पर धान की बोआई करेंगे तभी वे समय पर दूसरी फसल ले पाएंगे। उन्होंने बताया कि बारिश के पूर्व केविके द्वारा जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत 70 एकड़ में धान की सीधी बोआई की गई थी। इसका परिणाम काफी अच्छा रहा। बोआई के बाद अच्छी बारिश होने से सौ फीसद धान का अंकुरण हुआ है। किसान ज्यादा पैदावार एवं कम खर्च में ज्यादा आमदनी के लिए धान की सीधी बोआई कर सकते है। इसमें समय एवं रुपए की बचत होने के साथ ही समय पर फसल तैयार हो जाती है। इससे अगले फसल की समय पर बोआई की जा सकती है।
धान की सीधी बोआई में काफी कम लागत आती है। इसे जिले के सभी किसानों को अपना चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि इस विधि से खेती करने से किसान अपने खेतों में धान, गेहूं के साथ ही मूंग की फसल ले सकते हैं। परंपरागत विधि से धान की बोआई करने से धान की फसल लेट कटती है। और गेहूं तैयार होते-होते मूंग का समय निकल जाता है। इस लिए किसानों को इस विधि से धान की बोआई करने पर ज्यादा जोर देना चाहिए।
-डॉ. आरके सोहाने, कुलपति, बीएयू सबौर