Banka : नल-जल योजना के तहत किए गए बोरिंग के पानी की होगी जांच, पंचायतवार जल का नमूना होगा संग्रह
नल-जल योजना के तहत किए गए बोरिंग के पानी की जांच होगी। इसके लिए कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद पंचायत स्तर पर नमूना लिया जाएगा। इसके बाद इसकी रिपोर्ट विभाग को भेजी जाएगी।
संवाद सूत्र ,बांका। सरकार द्वारा सात निश्चय योजना हर घर नल का जल योजना के तहत लगभग गांवों तक शुद्ध जल योजना पहुंचाया गया है। इसका रखरखाव लंबे समय तक हो इसके लिए सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। जिले के 80 फीसद से अधिक घरों में नल का जल पहुंचाया गया है। लोगों को नल से शुद्ध जल मिल रहा या नहीं इसकी जांच पंचायत स्तर पर कराएगी।
पीएचईडी के कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन लाल ने बताया कि पीएचईडी द्वारा 1345 वार्डों में कार्य किया जाना है। इसमें से 1335 वार्डों में कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष दस वार्डों में भी कार्य तेजी से किया जा रहा है। लोगों को शुद्ध पानी मिलता रहे इसके लिए समय-समय पर पंचायत स्तर पर पानी की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। इसके लिए विभाग द्वारा वार्ड क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष एवं वार्ड सदस्यों को प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया गया है। इसके पहले पीएचइडी कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके बाद वे पंचायत स्तर पर जल के नमूना संग्रहन के लिए पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण देंगे। उन्होंने बताया कि सात निश्चय टू के तहत पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित कर जोर दिया जा रहा है। पानी की शुद्धता की जांच के लिए पंचायत स्तर पर निगरानी के लिए एक व्यक्ति नियुक्त किया जाएगा। यह विभाग के निर्देश पर सामुदायिक स्तर पर निगरानी करेंगे।
तीन चरणों में दिया जाएगा प्रशिक्षण
विभाग द्वारा जल के शुद्धता की जांच के लिए तीन चरणों में प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया है। प्रथम चरण में मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना है। दूसरे चरण में ये मास्टर ट्रेनर जिला स्तरीय प्रशिक्षकों को ट्रेंड करेंगे। अंतिम चरण में पंचायत स्तर पर जल नमूना संग्रहण का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के तहत पीएचईडी कर्मियों को जलापूर्ति योजना का महत्व की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही उसकी निगरानी कैसे करनी है,पांनी जांच के लिए नमूना कैसे लेना है, पानी लेने के बाद उसकी लेवलिंग करने के लिए भी जानकारी दी जाएगी। नमूने को लैब तक ले जाने के की व्यवस्था के बारे में भी बताया जाएगा।