भागलपुर से उड़ान के लिए विमानन कंपनियों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी, नौ से 20 सीटर विमान ही उड़ सकता है भागलपुर हवाई अड्डे से
भागलपुर से उड़ान के लिए विमानन कंपनियों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। यहां से केवल नौ से 20 सीटर विमान ही उड़ान भर सकता है। यहां के रनवे की लंबाई कम है। जबकि राज्य सरकार द्वारा भागलपुर हवाई अड्डा को...
जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर हवाई अड्डा से उड़ान के लिए एक भी विमानन कंपनियों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। भागलपुर हवाई अड्डे को रिजनल कनेक्टीविटी स्कीम में शामिल किया गया है, लेकिन तीन दौर की बातचीत में एक भी कंपनी उड़ान के लिए राजी नहीं हुई।
यह बातें शनिवार को मंत्रीमंडल सचिवालय विभाग के मंत्री विजय नारायण चौधरी ने कही। वे कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा के प्रश्न का जवाब दे रहे थे। अजीत शर्मा ने मामला उठाते हुए सदन में शैक्षणिक, औद्योगिक व आर्थिक विकास के लिए ग्रीन फील्ड नीति के तहत भागलपुर से हवाई सेवा शुरू करने की मांग की थी।
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता के प्रश्न के जवाब ने मंत्री विजय नारायण चौधरी ने कहा कि भागलपुर हवाई अड्डा लंबाई बड़े व्यवसायिक उड़ानों के लिए जगह अपर्याप्त है। नौ से 20 सीटर वाले विमानों का ही यहां से उड़ान संभव है। छोटे विमानों के लिए नई सिविल एविएशन पालिसी 2016 के अंतर्गत रिजनल कनेक्टिविटी स्कीम का क्षेत्रीय स्तर पर क्रियान्वयन के क्रम में बिहार आरसीएस उड़ान की संभावनाओं पर राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार के नागरिक विमानन मंत्रालय से एमओयू किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा भागलपुर हवाई अड्डा को भी इस योजना में शामिल किया गया है। तीन बार टेंडर की प्रक्रिया हुई, लेकिन किसी भी प्राइवेट विमानन आपरेटर या एजेंसी ने भागलपुर से उड़ान सेवा शुरू करने के लिए दिलचस्पी नहीं दिखाई है। अगर कोई इसमें दिलचस्पी दिखाती है तो हवाई जहाज उड़ाई जा सकती है। मंत्री के जवाब से अजीत शर्मा संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने बताया कि गोराडीह प्रखंड में गोशाला की पांच सौ एकड़ जमीन है, जिसपर हवाई अड्डा का निर्माण हो सकता है।
इसके लिए राज्य सरकार नागरिक विमानन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजे। हालांकि मंत्री शर्मा से प्रस्ताव वापस लेने का अनुरोध कर रहे थे। बाद में प्रस्ताव खारिज हो गया। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने बताया कि हवाई सेवा शुरू करने को लेकर वे सदन में 11 बार मामला उठा चुके हैं। पटना के बाद भागलपुर सबसे बड़ा शहर है।
यहां सिल्क उद्योग, कतरनी चावल आदि को बढ़ावा देने के लिए विमान सेवा जरूरी है, लेकिन सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में भागलपुर से हवाई उड़ान होती थी। अगर यहां से हवाई सेवा शुरू हो जाए तो कई कल-कारखाने लगेंगे।