पुलिस की गोली से या असामाजिक तत्वों ने की अनुराग पोद्दार हत्या? मुंगेर गोलीकांड के जांच अधिकारी बदले

देशभर में सुर्खियों में रहे मुंगेर गोलीकांड के जांच अधिकारी बदल दिए गए हैं। मामले में अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि अनुराग पोद्दार की हत्या पुलिस की गोली से हुई या असामाजिक तत्वों ने भीड़ का फायदा उठा उसे मौत के घाट उतार दिया?

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 09:22 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 09:22 AM (IST)
पुलिस की गोली से या असामाजिक तत्वों ने की अनुराग पोद्दार हत्या? मुंगेर गोलीकांड के जांच अधिकारी बदले
अनुराग पोद्दार हत्याकांड की पहेली आज तक नहीं सुलझी।

संजय सिंह, भागलपुर : पिछले वर्ष मुंगेर में दुर्गा पूजा पर प्रतिमा विसर्जन के दौरान फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सीआइडी के डीएसपी प्रमोद राय को दी गई थी। अब जांच अधिकारी बदल दिए गए। इनकी जगह सीआइडी के ही डीएसपी आलोक कुमार करेंगे। इस कांड में यह अबतक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि युवक अनुराग पोद्दार की मौत पुलिस की गोली से हुई या असामाजिक तत्वों ने भीड़ का लाभ उठाकर उसकी हत्या कर दी। मामले में अचानक जांच अधिकारी बदले जाने से तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं।

वर्ष 2020 में मुंगेर एसपी के पद पर लिपि सिंह तैनात थीं। वर्तमान में वो सहरसा की एसपी हैं। दुर्गापूजा के अवसर पर प्रतिमा विसर्जन के दौरान मुंगेर में पुलिस और विसर्जन जुलूस में शामिल लोगों के बीच झड़प हो गई थी। झड़प में गोली भी चली। गोली लगने से अमरनाथ पोद्दार के पुत्र अनुराग पोद्दार की मौत हो गई। भगदड़ के दौरान कई लोग घायल भी हो गए थे। मुंगेर की विस्फोटक स्थिति को देखते हुए बड़े पैमाने पर पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। साथ ही घटना की जांच की जिम्मेदारी मगध प्रमंडल के आयुक्त को सौंपी गई थी। आयुक्त असंगमा चूबा की रिपोर्ट भी बहुत कुछ पुलिस के पक्ष में नहीं थी। इस घटना के बाद मुंगेर एसपी के पद से लिपि सिंह को हटा दिया गया।

इधर, घटना में मृत युवक के पिता ने न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने निष्पक्ष जांच के लिए सरकार को दिशा-निर्देश दिया। फिलहाल हाइकोर्ट की निगरानी में सीआइडी पूरे मामले की जांच कर रही है। पहले इस मामले की जांच पूर्णिया में पदस्थापित सीआइडी के डीएसपी प्रमोद राय कर रहे थे। अब इनकी जगह जांच की जिम्मेदारी आलोक कुमार को दी गई है। मामले में तब तत्काल दो पुलिस पदाधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई हुई थी। इनमें मुफ्फसिल थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार और वासदेवपुर ओपी प्रभारी सुशील कुमार सिंह शामिल हैं। बाद में मुंगेर के तत्कालीन डीआइजी मनु महाराज ने भी अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था। इस मामले की जांच के लिए तब राज्य सरकार ने पूर्व एडीजी अमित कुमार को भेजा था।

तत्कालीन डीआइजी ने उन्हें पूरी स्थिति से अवगत करा दिया था। लेकिन, डीआइजी की शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले में सीआइडी कृष्ण कुमार नामक युवक की भूमिका भी तलाश रही है। इस युवक के पास भगदड़ के दौरान पुलिस की वाकी-टाकी मिला था। आखिर एक गैर वर्दीधारी युवक के पास वाकी-टाकी कैसे पहुंची। इस युवक का पुलिस पदाधिकारियों के साथ उठना-बैठना भी था। यह पूर्व एसपी का चहेता भी बताया जाता है।

अब पूर्णिया के रिंटू सिंह हत्याकांड की जांच करेंगे डीएसपी प्रमोद राय

मुंगेर गोलीकांड की जांच कर रहे सीआइडी के डीएसपी प्रमोद राय को अब पूर्णिया के पूर्व पार्षद रिंटू सिंह हत्याकांड की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस हत्याकांड में खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह का भी नाम घसीटा गया है। पीडि़त पक्ष का कहना है कि हत्याकांड का मुख्य मास्टरमाइंड अटिया उर्फ आशीष कुमार सिंह मंत्री का रिश्तेदार है। इस घटना में लाइनर की भूमिका निभाने वाले दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। अटिया उर्फ आशीष कुमार सिंह के घर गुरुवार को पुलिस ने कुर्की-जब्ती भी की। सीआइडी के डीएसपी ने पुलिस मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

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