1994 बैच जंबाज पुलिस अफसर की हत्या के बाद लोगों में आक्रोश, स्वजनों ने शव लेने से किया इन्कार
1994 बैच के जंबाज पुलिस अफसर की बंगाल में पीट पीट कर हत्या के बाद लोगों में आक्रोश है। साथ ही स्वजनों ने शव को लेने से इन्कार कर दिया। स्वजनों ने हत्यारों की तुरंत गिरफतारी की मांग की है।
जागरण संवाददाता, किशनगंज। जिले की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के पांजीपाड़ा थाना क्षेत्र में किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष की हत्या के बाद लोगों में आक्रोश है। उग्र भीड़ ने पीट-पीटकर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार को मार डाला। इस दौरान सर्किल इंस्पकेक्टर अन्य पुलिस अफसरों ने भाग कर जान बचाई। पूर्णिया जिले के जानकीनगर निवासी इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार 1994 बैच के अधिकारी थे। सदर अस्पताल इस्लामपुर में पोस्टमार्टम कराया गया है। लेकिन पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों ने शव लेने से इन्कार कर दिया है।
स्वजनों ने बंगाल पुलिस के रवैये को सवाल खड़े किए हैं। वे हत्यारे को गिरफ्तार कर कठोर सजा दिलाने की मांग पर अड़े हैं। वहीं, स्वजनों को आइजी सुरेश प्रसाद चौधरी, किशनगंज डीएम डॉ. आदित्य प्रकाश और एसपी कुमार आशीष समझाने का प्रयास कर रहे हैं। आइजी के द्वारा किशनगंज में हत्या का मामला दर्ज कर हत्यारे को सजा और न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
बंगाल पुलिस केस को करना चाहती थी रफादफा
थानाध्यक्ष की हत्या मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा शुरुआत में यूडी केस दर्ज कर मामले को रफादफा करने की कोशिश की गई। हालांकि पूॢणया आइजी व किशनगंज एसपी के कड़ा विरोध करने पर हत्या का केस दर्ज किया गया। हालांकि इसकी पुष्टि कोई पुलिस पदाधिकारी नहीं कर रहे हैं। सदर अस्पताल इस्लामपुर में मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में डॉक्टरों की टीम द्वारा पोस्टमार्टम की जा रही है। पोस्टमार्टम का वीडियोग्राफी भी कराया जा रहा है।
ये हैं पूरा मामला
शुक्रवार रात को एक लूटकांड के मामले में पुलिस सीमावर्ती पांजीपाड़ा थाना क्षेत्र के पनतापाड़ा गांव में छापेमारी करने गई थी। छापेमारी से पहले बंगाल पुलिस को सूचना दी गई और सहयोग मांगा गया, लेकिन उन्होंने कोई सहयोग नहीं किया। इस दौरान सुबह करीब चार बजे गांव के लोगों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इसी दौरान अपराधी को पकडने के लिए पुलिस ने एक घर पर छापेमारी की। इसी दौरान भीड ने हमला कर दिया।