दो महीने के प्रशासनिक आदेश पर कड़ी सुरक्षा घेरे में विशेष केंद्रीय कारा भागलपुर लाए गए आनंद मोहन
पूर्व सांसद आनंद मोहन दो महीने के प्रशासनिक आदेश पर भागलपुर जेल लाया गया है। आनंद मोहन सहरसा जेल में बंद थे। जेल अधीक्षक मनोज कुमार की उपस्थिति में पूर्व सांसद की सुरक्षा तलाशी ली गई। यहां उन्हेंं अति सुरक्षित तृतीय खंड में रखा गया है।
भागलपुर, जेएनएन। कलेक्टर जी कृष्णैया हत्याकांड में उम्र कैद काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन को कड़ी सुरक्षा घेरे में सहरसा जेल से भागलपुर लाया गया। विधानसभा चुनाव में विधि-व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना को देखते हुए दो माह के लिए भागलपुर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। बुधवार को आनंद मोहन को सहरसा जेल से यहां की विशेष केंद्रीय कारा लाया गया। जेल अधीक्षक मनोज कुमार की उपस्थिति में पूर्व सांसद की सुरक्षा तलाशी ली गई। यहां उन्हेंं कोरोना सुरक्षा से जुड़ी जांच बाद अति सुरक्षित तृतीय खंड में रखा गया है।
कैदी वैन के बजाय एंबुलेंस में लाए गए पूर्व सांसद
पूर्व सांसद आनंद मोहन को सहरसा जेल से भागलपुर लाने के लिए कैदी वैन का इस्तेमाल नहीं किया गया। उन्हे एंबुलेंस से भागलपुर लाया गया। एंबुलेंस के आगे-पीछे सुरक्षाकर्मी भी चौकसी बनाए साथ चल रहे थे। समर्थकों के वाहनों का काफिला भी साथ-साथ चल रहा था।
कमर में दर्द की शिकायत पर सिविल सर्जन ने लगा रखी थी मुहर
एंबुलेंस से आनंद मोहन को लाए जाने पर सहमति सहरसा के सिविल सर्जन के निर्देश के बाद बनी थी। आनंद मोहन को कमर में दर्द की शिकायत थी। जिसकी जांच बाद सिविल सर्जन ने एंबुलेंस में ले जाने पर सहमति दे दी थी। सहरसा जेल प्रशासन ने सिविल सर्जन की सहमति बाद कैदी वैन के बजाय पूर्व सांसद को एंबुलेंस में ले जाने की इजाजत दी थी।
गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में हुए थे गिरफ्तार
गोपालगंज के डीएम रहे जी कृष्णैया की वर्ष 1994 में हुई हत्या में आनंद मोहन को गिरफ्तार किया गया था। उस हत्याकांड में वर्तमान में आजीवन कारावास काट रहे हैं। 2007 में हत्याकांड में उन्हेंं फांसी की सजा मिली थी। बाद में उच्च न्यायालय ने सजा को उम्र कैद में बदल दिया था।
पांच दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर में छोटन शुक्ला की हत्या बाद शव के साथ प्रदर्शन कर रही भीड़ ने उधर से गुजर रहे डीएम जी कृष्णैया की हत्या कर दी थी। तब भीड़ में आनंद मोहन, छोटन के भाई मुन्ना शुक्ला, पूर्व मंत्री अखलाक अहमद, अरुण कुमार, शशि शेखर, हरेंद्र कुमार, आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को सजा सुनाई गई थी।