गरीब मरीजों पर एंबुलेंस चालकों की 'गिद्ध दृष्टि'
भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) और सदर अस्पताल में इन दिनों
भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) और सदर अस्पताल में इन दिनों गरीब मरीजों पर सरकारी एंबुलेंस चालकों की 'गिद्ध दृष्टि' गड़ गई है। सरकार द्वारा लाल कार्डधारक और एपीएल कैटेगरी वालों को मुफ्त में सुविधा दिए जाने के बाद भी एंबुलेंस चालक ऐसे मरीजों से जबरन पैसे वसूल कर रहे हैं। अस्पताल में तैनात 102 और 108 नंबर के एंबुलेंस चालक मजबूर मरीजों को लपकने के लिए ताक में रहते हैं। अभी भी लालकार्ड धारकों को मुफ्त में सेवा मिलने की जानकारी नहीं है। इसका सीधा फायदा एंबुलेंस चालक उठा रहे हैं। गरीबों की जरूरत को देखते हुए उनसे मनमानी रकम वसूली जा रही है।
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अस्पताल के कर्मी भी देते हैं साथ
अवैध वसूली के इस काम में अस्पताल के कुछ कर्मचारी भी एंबुलेंस चालकों का साथ बखूबी से दे रहे हैं। भोले-भाले मरीजों को बड़ी आसानी से अपनी बातों में ले लेते हैं। बदले में उन्हें भी 'लाभ' मिलता है। अस्पताल परिसर में सारा खेल होने के बावजूद अधिकारी अपनी आखें बंद किए बैठे हैं।
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किलोमीटर के नाम पर हो रहा खेल
एंबुलेंस चालकों को लाल कार्ड, एपीएल को छोड़कर अन्य मरीजों से सरकारी दर आठ से दस रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया लेना होता है, लेकिन जेएलएनएमसीएच में सरकारी एंबुलेंस के चालक 12 से 15 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से पैसे वसूल रहे हैं। अस्पताल से पटना पहुंचाने के नाम पर एंबुलेंस चालक मरीज के परिजन पांच हजार की जगह सात हजार तक वसूलते हैं। इतना ही रास्ते में खाने के नाम पर भी एक हजार तक जबरन ले लेते हैं।
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जबरन प्राइवेट नर्सिग होम में करा देते हैं भर्ती
एंबुलेंस चालकों की मनमानी यहीं तक नहीं रुकती नहीं। अगर अस्पताल से पटना पीएमसीएच किसी मरीज को रेफर किया जाता है, तो उसे जबरन प्राइवेट नर्सिग होम में दाखिल करा देते हैं। प्राइवेट अस्पताल में गरीब मरीज का मोटा बिल बन जाता है। इसमें 10 से 15 फीसद कमीशन पहले ही एंबुलेंस चालक को मिल जाता है।
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कोट सरकारी नियमों का सख्ती से पालन करना है। किसी मरीज से ज्यादा वसूली हो रही हो तो वह तुरंत शिकायत करे। गरीब मरीजों से पैसे वसूलने वाले ऐसे चालकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. विजय कुमार, सिविल सर्जन