बीएयू ने नालंदा में शुरू की पीजी की पढ़ाई
सबौर (भागलपुर)। कृषि की पढ़ने वाले छात्र और आलू उत्पादन करने वाले किसानों के लिए एक अच्छ
सबौर (भागलपुर)। कृषि की पढ़ने वाले छात्र और आलू उत्पादन करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर अपने मुख्यालय के अलावा अब कृषि के पीजी की पढ़ाई नालंदा उद्यान महाविद्यालय नूरसराय में भी आरंभ करने जा रहा है। जिससे पटना और आसपास के जिलों में पढ़ने वाले कृषि के उद्यान में पीजी करने वाले छात्रों के लिए आसानी होगी। इसके अलावा रोग मुक्त आलू का उत्पादन अंतरराष्ट्रीय तकनीक से किया जाएगा, ताकि मौसम के उतार चढ़ाव और बेरुखी को भी आलू का पौधा सहन कर सके। इसी कड़ी में कल शनिवार को कृषि मंत्री अमरेंद्र सिंह उद्यान महाविद्यालय नूरसराय में दोनों कार्यक्रमों का उद्घाटन करेंगे।
बीएयू के अधीनस्थ नालंदा उद्यान महाविद्यालय नूरसराय में शनिवार को पीजी की स्टार्टअप पढ़ाई और हाईटेक आलू उत्पादन की तकनीक और आलू के बीज सहित पौध मैटेरियल बनाने की यूनिट का उद्घाटन करेंगे। बीएयू द्वारा इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।
प्रभारी कुलपति डॉ. आर के सोहाने ने बताया की पीजी के लिए इसी सत्र से पढ़ाई आरंभ कर दी जाएगी। अब तक सिर्फ मुख्यालय में ही पीजी की पढ़ाई होती थी। उन्होंने कहा नालंदा और उसके आसपास बड़े पैमाने पर आलू का उत्पादन होता है। उस को ध्यान में रखते हुए रोगमुक्त आलू पौधा किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। आने वाले समय में पूरे बिहार में आलू उत्पादक किसानों को यह तकनीक और पौधा दोनों उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र पेरू के साथ आपसी सहयोग से विदेशों की तकनीक में उत्पादित होने वाला आलू बिहार की धरती पर उत्पादित कराया जाएगा। इससे मौसम के उतार-चढ़ाव का नुकसान किसानों को नहीं होगा। गुणवत्ता युक्त आलू का बेहतर उत्पादन होगा जिससे किसान समृद्ध बनेंगे।