राजभवन के आदेश के बाद TMBU के असिस्टेंट प्रोफेसरों को पीएचडी में मिलेग छूट, जानिए

टीएमबीयू में असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए अच्‍छी खबर समाने आयी है। पीएचडी करने में राजभवन के अनुमति के बाद छूट मिलेगी। पीएचडी 2016 रेगुलेशन पर विवि के कमेटी की बैठक हुई। इसमें कई न‍िर्णय ल‍िए गए हैं। 75 फीसद उपस्थिति के लिए अवकाश लेना होगा।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 09:57 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 09:57 AM (IST)
राजभवन के आदेश के बाद TMBU के असिस्टेंट प्रोफेसरों को पीएचडी में मिलेग छूट, जानिए
टीएमबीयू में असिस्टेंट प्रोफेसरों को पीएचडी के लिए बड़ी राहत।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। टीएमबीयू में असिस्टेंट प्रोफेसरों को पीएचडी करने में राजभवन के अनुमति के बाद छूट मिलेगी। पीएचडी 2016 रेगुलेशन पर सोमवार को विवि के कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में डीन एकेडमिक्स डा. अशोक कुमार ठाकुर, सीसीडीसी डा. केएम स‍िंंह समेत अन्य मौजूद थे। डा. ठाकुर ने बताया कि कमेटी ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जिसके तहत असिस्टेंट प्रोफेसर कक्षा के साथ पीएचडी कर सकें। इस प्रस्ताव को कुलपति के समक्ष रखा जाएगा।

इसके बाद प्रस्ताव को एकेडमिक काउंसिल, सिंड‍िकेट, सीनेट से पास होने के बाद राजभवन भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा। जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक शिक्षकों को 2016 रेगुलेशन का पालन ही करना होगा। इस रेगुलेशन के तहत कक्षा के साथ पीएचडी नहीं कर सकते हैं। इसके कोर्स वर्क को पूरा करने और 75 फीसद उपस्थिति के लिए शिक्षकों को अवकाश लेना होगा।

बीपीएल कोटे से नामांकन बंद होने का मामला पकडऩे लगा तूल

टीएमबीयू में होने वाले नामांकन में बीपीएल कोटे को स्वत: ही खत्म करने का मामला तूल पकडऩे लगा है। सोमवार को छात्र राजद की तरफ से विवि प्रशासनिक भवन के समक्ष जमकर प्रदर्शन किया गया। इस मामले को लेकर पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष शांतनु कुमार ने भी विवि अधिकारियों को आवेदन दिया था, किंंंतु कार्रवाई नहीं होने पर छात्र नेता दोबारा विवि पहुंचे।

टीएनबी कालेज छात्र संघ के पूर्व काउंसिल सदस्य रमन कुमार ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन बीपीएल कोटे के तहत नामांकन लेना शुरू नहीं करता वे लोग उग्र आंदोलन करेंगे। युवा राजद के महासचिव डा. आनंद आजाद ने कहा कि बीपीएल कोटे से दो नामांकन होता रहा है। इसके बावजूद आनलाइन नामांकन होने की वजह से कोटा को कैसे खत्म किया गया, इस बारे में किसी अधिकारी के पास जवाब नहीं है। उन्होंने विवि अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोटे से नामांकन नहीं होना, राज्य सरकार के आदेश का उल्लंघन है।

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