कोरोना टीकाकरण रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा के बाद अब चार हजार एंटीजन कीट के साथ जांच कर्मचारी फरार, 21 लाख बताई जा रही कीमत

कोरोना वैक्‍सीन देने में फर्जीवाड़ा को लेकर चर्चा में आए जमुई में अब कोरोना जांच कीट गायब हो गए हैं। यहां से करीब चार हजार जांच किट के साथ एक कर्मचारी फरार हो गया। इसकी कीमत करीब 21 लाख रुपये बताई जा रही है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 06:07 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 06:07 PM (IST)
कोरोना टीकाकरण रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा के बाद अब चार हजार एंटीजन कीट के साथ जांच कर्मचारी फरार, 21 लाख बताई जा रही कीमत
जमुई में अब चार हजार जांच किट गायब हो गए।

जागरण संवाददाता, जमुई। कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा मामला सामने आने के बाद अब एंटीजन कीट के साथ जांच कर्मी के गायब होने को मामला प्रकाश में आया है। चार हजार एंटीजन कीट लेकर जांच कर्मी शरद कुमार पिछले छह दिनों से गायब हैं। उसका मोबाइल भी स्वीच ऑफ आ रहा है। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मचा है और उसे खोजने की कोशिश की जा रही है।

जानकारों के अनुसार चार हजार एंटीजन कीट का मूल्य लगभग 21 लाख 60 हजार होगा। बताया जाता है कि एक एंटीजन कीट का मूल्य 540 रुपया है। मामला रेफरल अस्पताल चकाई से जुड़ा है। मामला उस वक्त सामने आया जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने उक्त कर्मी की खोज करते हुए स्पष्टीकरण पूछा। साथ ही चौबीस घंटे के अंदर जवाब तलब किया। रेफरल प्रभारी के पत्र ने कोरोना जांच में स्वास्थ्य विभाग की बेपटरी हुई व्यवस्था की भी पोल खोल दी है। पदाधिकारी के आदेश के बगैर ही एंटीजन कीट उठाव करने का आरोप उक्त जांच कर्मी पर लगा है।

साथ ही इस उठाव में जिला एंटीजन कीट भंडारपाल को भी कठघरे में खड़ा करते हुए मिलीभगत का आरोप लगाया गया है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया है कि 4 फरवरी और 22 फरवरी को शरद कुमार द्वारा जिला से दो-दो हजार एंटीजन कीट का उठाव किया गया। किंतु उक्त एंटीजन कीट को रेफरल के भंडारपाल को हस्तगत नहीं किया गया। साथ ही बीते 20 फरवरी से उक्त कर्मी बिना सूचना के अनुपस्थित है। मोबाइल फोन भी बंद आ रहा है। बिना आदेश के दोनों बार एंटीजन कीट का उठाव किया गया है। इधर मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हलचल तेज हो गई है। लाख टके सवाल यह है कि जिला भंडारपाल ने उक्त कर्मी को बिना आदेश कीट कैसे उपलब्ध कराया दिया। कहीं अन्य प्रखंड में भी ऐसे ही नहीं उपलब्ध कराए गए हों और पदाधिकारियों को इसकी भनक तक ना हो। वैसे भी बरहट और सिकंदरा में फर्जी जांच के मामले सामने आने के बाद एंटीजन कीट की संख्या पर चुप्पी साध ली गई है। ऐसे में चकाई में एंटीजन कीट के साथ कर्मी के गायब होने से एक बार फिर फर्जीवाड़ा को लेकर चर्चा का बाजार गरम है। बहरहाल एंटीजन कीट के साथ कर्मी के गायब होने के पीछे की वजह जांच के बाद ही सामने आ पाएगी।

एंटीजन कीट के साथ जांच कर्मी के गायब होने के संबंध में पत्र मिला है। उक्त कर्मी की खोज की जा रही है।

सुधांशु नारायण लाल डीपीएम, जिला स्वास्थ्य समिति, जमुई।

इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है। अन्य प्रखंड से भी एंटीजन कीट के संदर्भ में जानकारी मांगी गई है। किसी भी तरह की अनियमितता पर सीधे कार्रवाई की जाएगी।

डा. विनय कुमार शर्मा, सिविल सर्जन, जमुई।

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