डा. राजेंद्र प्रसाद की जमीन को बचाने में अक्षम साबित हो रहा प्रशासन, जानिए क्या है माजरा
सहरसा में प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद की जमीन अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है। इस भूमि पर वर्तमान में विनोबा आश्रम संचालित है जहां आचार्य विनोबा भावे जयप्रकाश नारायण निर्मला देशपांडे जैसे लोग आकर रणनीति तय करते रहे हैं।
सहरसा [कुंदन कुमार] । स्वाधीनता आंदोलन से, भूदान यज्ञ और समग्र क्रांति का गवाह रहा सहरसा प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद की जमीन अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है। इस भूमि पर वर्तमान में विनोबा आश्रम संचालित है, जहां आचार्य विनोबा भावे, जयप्रकाश नारायण, निर्मला देशपांडे जैसे लोग आकर रणनीति तय करते रहे हैं। आज चारो ओर से इस आश्रम की जमीन पर कब्जा बढ़ता जा रहा है। आश्रम के संचालक इसके लिए प्रशासनिक पदाधिकारियों से समय- समय पर गुहार लगाते रहे हैं, परंतु अन्य मामलों की तरह प्रशासन के लिए कार्रवाई की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ते रहे हैं। फलस्वरूप देश के प्रथम राष्ट्रपति के नाम की यह जमीन भी अगले कुछ दिनों में अपना अस्तित्व खोने की ओर आमदा है।
आजादी आंदोलन के दौरान कांग्रेस को दान में मिली थी यह जमीन
सहरसा में पूर्व राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद के नाम से सात कट्ठा 19 धूर जमीन है। इस जमीन पर वर्तमान में विनोबा आश्रम संचालित है, जिसका काफी हिस्सा अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है। आजादी के आंदोलन के क्रम में कार्यालय की आवश्यकता महसूस करते हुए कांग्रेस द्वारा जमीन की खोज हो रही थी। वर्ष 1944 में मधेपुरा निवासी लक्ष्मीधर व वंशीधर नामक व्यक्ति द्वारा कांग्रेस कार्यालय के लिए यह जमीन दान दी गई थी। प्रखर स्वतंत्रता सेनानी कांग्रेस के वरीय नेता पंडित राजेन्द्र मिश्र के आग्रह पर इस जमीन के रजिस्ट्री का खर्च पूर्व मंत्री स्वर्गीय शंकर प्रसाद टेकरीवाल के पूर्वज मनोहर लाल टेकरीवाल ने वहन किया था। इस जमीन पर बनगांव थाना कांग्रेस कार्यालय खोला गया। मिली जानकारीनुसार राष्ट्रपति रहते डा. राजेन्द्र प्रसाद ने इसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र भी दिया था। बाद में स्थानीय कांग्रेस नेता पंडित राजेन्द्र मिश्र के प्रयास से जनसहयोग से भवन बनाया गया। बाद में सहरसा कचहरी हाल्ट के सामने कांग्रेस कार्यालय खुलने के बाद वर्ष 1973 से इस जमीन पर औपचारित तौर पर विनोबा आश्रम संचालित होने लगा। यह विनोबा आश्रम भूदान आंदोलन और सम्पूर्ण क्रांति का भी गवाह है। यहां विनोबा भावे, जयप्रकाश नारायण, निर्मला देशपांडे जैसे कई दिग्गज नेता आ चुके हैं।
अबतक पूर्व राष्ट्रपति के नाम कट रही है मालगुजारी
विनोबा आश्रम की इस जमीन की मालगुजारी अबतक पूर्व राष्ट्रपति देशरत्न डा. राजेन्द्र प्रसाद के नाम से कट रही है। परंतु, इस भूखंड का बड़ा हिस्सा अतिक्रमण की चपेट में है। चारों ओर से इस पर कब्जा हो रहा है। आगे में दुकानदारों द्वारा कब्जा जमा लिए जाने के कारण नए उम्र के लोगों को विनोबा आश्रम का पता भी नहीं चल पाता। आश्रम के व्यवस्थापक चक्रमणि सिंह कहते हैं कि आश्रम की जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने के लिए समय- समय पर प्रशासनिक अधिकारियों को लिखा जाता रहा है, परंतु आजतक इस समस्या का समाधान नहीं हुआ। कोई जमीन कब्जा कर रहा है तो कोई इसपर गंदापानी बहा रहा है। आश्रम की जमीन की रक्षा करने में वे लोग अक्षम बने हुए हैं। हर दिन जमीन पर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है।
सुनिए सहरसा के अपर समाहर्ता को
अपर समाहर्ता विनय कुमार मंडल बोले डा. राजेंद्र प्रसाद के नाम जमीन के अतिक्रमण की जानकारी हमें नहीं है, परंतु अगर ऐसा है, तो यह बहुत गंभीर मामला है। संचालकों द्वारा मामला संज्ञान में लाए जाने पर त्वरित प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं सदर एसडीओ
सदर एसडीओ शंभूनाथ झा ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति के नाम की इस जमीन के अतिक्रमण किया जाने के मामले को प्रशासन गंभीरता से लेगा। ऐसे लोगों पर शीघ्र कठोर कार्रवाई की जाएगी।