अंकेश हत्याकांड के अभियुक्त हरिद्वार यादव को उम्रकैद, अपहरण के बाद कर दी थी हत्या

अंकेश हत्‍याकांड में मुख्‍य अभियुक्‍त हरिद्वार यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। पीरपैंती थाना क्षेत्र के लकड़ाकोल गांव निवासी गोपाल यादव के पुत्र 12 वर्षीय अंकेश कुमार की अपरहण के बाद हत्‍या कर दी गई थी।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 09:31 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 09:31 AM (IST)
अंकेश हत्याकांड के अभियुक्त हरिद्वार यादव को उम्रकैद, अपहरण के बाद कर दी थी हत्या
अंकेश हत्‍याकांड में मुख्‍य अभियुक्‍त हरिद्वार यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर।  एडीजे दशम आनंद कुमार ङ्क्षसह की अदालत ने अंकेश हत्याकांड में शनिवार को अभियुक्त हरिद्वार यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने अपने फैसले में अभियुक्त को 10 हजार का अर्थदंड भी दिया है। राशि नहीं देने की सूरत में अभियुक्त को एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सरकार की तरफ से अपर लोक अभियोजक दीप कुमार ने बहस में भाग लिया।

हत्या कर कुएं में डाल दिया था शव

पीरपैंती थाना क्षेत्र के लकड़ाकोल गांव निवासी गोपाल यादव के पुत्र 12 वर्षीय अंकेश कुमार को बदमाशों ने 27 फरवरी 2018 को अगवा कर लिया था। वह अपने दोस्त आशीष के साथ खेल रहा था। तभी पिकअप वैन से अगवा कर कहलगांव की तरफ निकल गए थे। रास्ते में ही मार कर शव बहियार के कुएं में डाल दिया था। दो-तीन दिन बाद पुलिस ने शव बरामद किया था। पिता ने अपहरण का केस दर्ज कराया था। शव मिलने के बाद केस हत्या में तब्दील हो गया। ज्ञात हो की इस मामले को लेकर उस वक्त काफी हंगामा हुआ था। पुलिस ने बच्चे की बरामदगी के लिए कई जगहों पर छापेमारी भी की थी। लेकिन तीन दिन बाद पुलिस को बच्चे का शव हाथ लगा था।

दूसरे आरोपित सुधीर के खिलाफ स्थायी वारंट जारी

पीरपैंती थाने में तैनात तत्कालीन अवर निरीक्षक देव कुमार ने 25 अक्टूबर 2018 को सुधीर यादव और हरिद्वार यादव के विरुद्ध आरोप-पत्र दाखिल किया था। इस केस में न्यायालय ने पहले ही फैसला सुनाने की तारीख तय कर रखी थी। लेकिन सुधीर डायरिया की शिकायत बताकर फैसले की तिथि पर अनुपस्थित हो गया था। न्यायालय ने दूसरी तिथि पर दोनों को सदेह उपस्थित होने को कहा। हरिद्वार तो पूर्व की भांति उपस्थित हुआ लेकिन सुधीर फिर नहीं आया। न्यायालय ने हरिद्वार का केस रिकॉर्ड अलग कर फैसले की तिथि तय कर दी। सुधीर के खिलाफ 20 मार्च 2021 को स्थायी वारंट जारी कर रिकार्ड को अलग कर दिया।

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