डेढ़ साल पहले बेटी बह गई गंगा में, सरकारी मदद की आस में दर-दर भटक रही मां, जानिए क्या है मामला
भागलपुर में एक महिला बेटी की मौत के बाद डेढ़ वर्ष से अंचल से लेकर जिला कार्यालय का चक्कर लगा रही है। विभाग की ओर से मुआवजा देने के बदले उसे नियम-कानून का पाठ पढ़ा रही है। लेकिन अभी तक मुआवजा का भुगतान नहीं हुआ है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। बेटी गंगा नदी में बह गई। मां डेढ़ वर्ष से अंचल से लेकर जिला कार्यालय का चक्कर लगा रही है। सीओ पीरपैंती से लेकर अनुमंडल पदाधिकारी कहलगांव व जिला प्रशासन तक का दरवाजा खटखटा चुकी है। विभाग की ओर से मुआवजा देने के बदले उसे नियम-कानून का पाठ पढ़ा रही है। लेकिन अभी तक मुआवजा का भुगतान नहीं हुआ है।
हारकर महिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां शिकायत दर्ज कराई। जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने दो फरवरी के पहले मृतक अनुदान की राशि का भुगतान करने का आदेश दिया है। उन्होंने आपदा प्रबंधन शाखा के वरीय उप समाहर्ता को निर्देश दिया है कि कहलगांव के अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता व पीरपैंती के अंचलाधिकारी से संपर्क स्थापित कर मामले का पूर्ण निष्पादन करें। निराकरण रिपोर्ट के साथ दो फरवरी को उपस्थित हों।
24 अगस्त 2019 को गंगा नदी पार करने के दौरान नाव डूब गई। 24 अगस्त 2019 को 14 व्यक्तियों के साथ नाव पर सवार होकर एकचारी दियारा से उत्तरी धार पा रही थी। इसमें पीरपैंती एकचारी दियारा की ममता देवी की 15 वर्षीय पुत्री प्रीति कुमारी बह गई। वह आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। नाव डूबने से 12 लोग तो निकल गए, लेकिन प्रीति सहित एक और व्यक्ति बह गया। प्रीति की मां ने अनुग्रह अनुदान की राशि के लिए पीरपैंती अंचलाधिकारी के यहां आवेदन किया। काफी भागदौड़ करने के बाद भी राशि नहीं मिलने के बाद प्रीति की मांग ममता देवी ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां मामला दर्ज कराया।
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने आपदा विभाग के वरीय उप समाहर्ता को शिकायत का निष्पादन कर मंगलवार को रिपोर्ट के साथ उपस्थित होने को कहा है। इधर, आपदा विभाग ने ममता को पत्र लिखकर कहा है कि प्रीति की बॉडी नहीं मिली है। इस कारण मुआवजा नहीं मिला है। ऐसी स्थिति में मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है। मामले को लेकर मुख्यालय से दिशा-निर्देश मांगा गया है। दिशा-निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। ममता थक हारकर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। सुनवाई के बाद लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने दो फरवरी के पूर्व भुगतान करने का आदेश दिया।