भागलपुर की 80 हजार आबादी को हर घर नल का जल योजना का नहीं मिल रहा लाभ, इस तरह लोग जूझ रहे पाने के लिए

भागलपुर में नल-जल योजना की स्थिति ठीक नहीं है। यहां पर करीब 80 हजार की आबादी को अब भी साफ पानी नहीं मिल रहा है। कई पंचायतों में अब तक काम भी शुरू नहीं हो सका है। इससे इस साल भी लोगों को पानी की किल्लत झेलनी होगी।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Tue, 06 Apr 2021 03:10 PM (IST) Updated:Tue, 06 Apr 2021 03:10 PM (IST)
भागलपुर की 80 हजार आबादी को हर घर नल का जल योजना का नहीं मिल रहा लाभ, इस तरह लोग जूझ रहे पाने के लिए
भागलपुर में नल-जल योजना की स्थिति ठीक नहीं है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिले के 80 हजार से अधिक आबादी को हर घर नल का जल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। दस हजार घरों में इस योजना के तहत नल का कनेक्शन नहीं हुआ है।

70 करोड़ की लागत से सुल्तानगंज में वर्ष 2013 में बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का काम शुरू हुआ। ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का काम हैदराबाद की आइवीआरसीसी को मिला था। एजेंसी को 2017 में काम पूरा करना था, लेकिन एग्रीमेंट के मुताबिक समय पर काम पूरा नहीं करने पर एजेंसी का ठेका रद कर दिया। ऐजंसी का सिक्युरिटी मनी जब्त कर लिया गया। इसके बाद 2018 में फिर टेंडर किया। प्लांट बनाने का काम कोलकाता के रियन कंपनी को मिला। 70 करोड़ की लागत से पूरी होने वाली योजना की राशि बढ़कर 96 करोड़ हो गई। इस योजना के अंतर्गत सात जलमीनार निर्माण व हर घर नल का कनेक्शन करना है। इनमें नाथनगर के दोगच्छी सहित पांच जगहों में जलमीनार बनाने का काम पूरा हो चुका है। ट्रीटमेंट प्लांट व दो जलमीनार का निर्माण कराया जा रहा है।

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों के अनुसार सुल्तानगंज सब डिवजीन और नाथनगर प्रखंड अंतर्गत 80 वार्डों के 9500 घरों में नल का कनेक्शन होना है। ट्रीटमेंट प्लांट के चालू होने तक तत्काल बोङ्क्षरग कर 10 वार्डों में जलमीनार के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है। एग्रीमेंट के मुातिबक ठीकेदार को जून 2021 तक काम पूरा करना है, लेकिन लॉकडाउन आदि कारणों से पांच-छह माह कार्य बंद होने के कारण दिसंबर से पहले योजना पूरी होने की संभावना कम है। अधिकारियों ने कहा कि आर्सेनिक, फ्लोराइड व आयरन प्रभावित इलाकों में ट्रीटमेंट प्लांट से शुद्ध् पेयजलापूर्ति करने की जिम्मेदारी पीएचईडी विभाग की है। जगदीशपुर, गोराडीह, सन्हौला और शाहकुंड फ्लोराइड और कहलगांव, पीरपैंती, सबौर, नाथनगर, सुल्तानगंज आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्र है, जबकि नवगछिया, बिहपुर, गोपालपुर, रंगरा, इस्माइलपुर, खरीक व नारायणपुर के पानी में आयरन की मात्रा अधिक है।

इधर, कहलगांव में 263 करोड़ की लागत से बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना का काम भी अधूरा है, जबकि दो साल पहले काम पूरा होना था। काम में देरी का मुख्य कारण भू-अर्जन बताया जाता है। न्यायालय के फैसले आने पर एक साल पहले काम शुरू किया गया। ट्रीटमेंट प्लांट का काम पूरा हो चुका है। हर घर नल का जल योजना के अंतर्गत कहलगांव और पीरपैंती प्रखंड के 240 वार्डों में 182 वार्डों में नल का कनेक्शन कर जलापूर्ति शुरू कर दी गई है। 58 वार्डों में जून तक कनेक्शन कर जलापूर्ति शुरू करने की योजना है।

कुआं का पानी पीने को विवश जगदीशपुर के 26 वार्डों के 34 हजार आबादी

जलमीनार के बावजूद जगदीशपुर प्रखंड के 26 वार्डों के 34 हजार आबादी को कुआं से पानी भरना पड़ता है। पूरैनी पश्चिम टोला के मु. मरगूब, पूरैनी बाजार निवासी अब्बास, खुर्शीद, खरीदा के गुलफराज व ख्वाजानगर निवासी साहेब ने कहा कि उनके गांव के लोगों को मोमीन टोला, हुसैनाबाद, इस्लामनगर, पुरैनी बाजार, दक्षिण मोहल्ला, अहमदखानी, भाटखानी, किला मोहल्ला, कोईली, मुस्तफापुर, शर्मा टोला के लोगों को पूरैनी गांव स्थित काजीदारा कुआं से पानी भरकर एक-डेढ़ किलोमीटर ढोकर ले जाना पड़ता है। दरअसल, बोङ्क्षरग का जलस्तर काफी नीचे चले जाने के कारण जलमीनार से घरों का पानी नहीं पहुंच रहा है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार अब खिरीबांध में जलमीनार और 550 फीट बोङ्क्षरग कर पाइपलाइन बिछाकर पूरैनी में जलापूर्ति की जाएगी। इसमें 25-30 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद काम शुरू कर दी जाएगी।

बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना का काम दिसंबर तक पूरा होगा। इस दौरान बारेङ्क्षग कर जलमीनार के माध्यम से वार्डों में जलापूर्ति करने की योजना है।

-मिथिलेश कुमार सिंह, मुख्य अभियंता, पीएचइडी।  

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