भागलपुर के 63 पंचायतों में नहीं होती 12वीं तक की पढ़ाई, उच्च माध्यमिक स्कूल के लिए कवायद

भागलपुर जिले के पंचायतों के बहुरेंगे दिन अब होंगे उच्च माध्यमिक स्कूल। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्कूलों से मांगा जमीन का हिसाब किताब। नहीं होती है अब यहां इंटरमीडिएट तक पढ़ाई शुरू करने के लिए विभाग सजग हो गया है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 07:20 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 07:20 AM (IST)
भागलपुर के 63 पंचायतों में नहीं होती 12वीं तक की पढ़ाई, उच्च माध्यमिक स्कूल के लिए कवायद
भागलपुर में इंटर की पढ़ाई के लिए कवायद शुरू।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। अब पंचायतों के दिन बहुरने वाले हैं। शिक्षा का स्तर अब पंचायत स्तर पर मजबूत होगा। इसके लिए जिला शिक्षा विभाग ने कवायद शुरू कर दी है पंचायत स्तर पर उच्च माध्यमिक स्कूल खोलने के लिए जिला शिक्षा विभाग ने जमीन खोजना शुरू कर दिया है। दरअसल, जिले में 63 ऐसे पंचायत है जहां 12वीं तक की पढ़ाई नहीं होती है अब यहां इंटरमीडिएट तक पढ़ाई शुरू करने के लिए विभाग सजग हो गया है। जिले के दो प्रखंडों ने अपने विद्यालय को उत्क्रमित करने का प्रस्ताव भी जिला शिक्षा कार्यालय को दिया है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना के लिए 75 डिसमल जमीन होना जरूरी है। इसमें 40 डिसमल जमीन खाली होना चाहिए। डीइओ ने कहा कि किसी विद्यालय के पास इतनी जमीन है तो वह इसके लिए प्रस्ताव भी भेज सकते हैं। इन्हीं 63 विद्यालयों में इसी शैक्षणिक सत्र से नौवीं की पढ़ाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है। जिन स्कूलों के पास 75 डिसमल जमीन नहीं है। वह अपने मध्य विद्यालयों को उच्च विद्यालयों में प्रोन्नत करने के लिए दान में भूमि प्राप्त करने के लिए पहल भी कर सकते हैं। जिसके बदले दानदाता के नाम से स्कूल का नाम रखा जाएगा। जिला शिक्षा विभाग यह प्रस्ताव राज्य शिक्षा परियोजना को भेजेगी।

टीका नहीं लेने वालों पर गिरेगी गाज

कोरोना का टीका सभी शिक्षकों, कर्मचारियों से लेकर रसोईया तक को लेना है। टीकाकरण में कई लोग लापरवाही बरत रहे हैं। इस मामले को जिला शिक्षा पदाधिकारी ने गंभीरता से लिया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्ट कहा है कि टीका नहीं लेने बालों पर सीधा कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने टीका नहीं लेने वाले लोगों की सूची भी मांगी है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि जिले में करीब 20 फीसदी शिक्षकों ने टीका नहीं लिया है। वहीं, करीब छह हजार रसोईया हैं जो स्कूलों में खाना बनाती हैं। लेकिन, इसमें से ज्यादातर ने टीका नहीं लिया है। इसके लिए सभी प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारियों से वैसे शिक्षकों व रसोईया के नामों की सूची मांगी गई है। डीईओ ने कहा कि सभी सिविल सर्जन से बात कर जानकारी दी जाएगी।

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