Bihar Teachers' Salary: जमुई के 5156 शिक्षकों को नहीं मिला जून-जुलाई की तनख्वा, मद में आ चुका है 33.58 करोड़ रुपये

Bihar Teachers Salary जमुई के 5156 शिक्षक वेतन से वंचित हैं। तीज-त्योहार उधार व्यवहार कर मानने वाले इन शिक्षकों के वेतन मद की राशि तो बैंक तक पहुंच गई है लेकिन 14 दिन बीत जाने के बाद भी ये शिक्षकों के अकाउंट में नहीं गिरी 33.58 करोड़ रुपये रिलीज हुए।

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 09:36 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 09:36 PM (IST)
Bihar Teachers' Salary: जमुई के 5156 शिक्षकों को नहीं मिला जून-जुलाई की तनख्वा, मद में आ चुका है 33.58 करोड़ रुपये
शिक्षकों के वेतन मद की राशि बैंक में आ गई लेकिन...

संवाद सहयोगी, जमुई। Bihar Teachers' Salary: शिक्षकों के वेतन मद की राशि बैंक के खाते में पड़ी है लेकिन शिक्षकों को भुगतान नहीं हो रहा है। यह राशि जून और जुलाई माह के बकाए वेतन मद की है और इस मद में 31 अगस्त को सर्व शिक्षा अभियान से 33.58 करोड़ की राशि जमुई को आवंटित की गई। शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था का आलम यह कि शहर स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा तक चेक पहुंचने में ही नौ दिन लग गए जबकि शिक्षा भवन और बैंक शाखा के बीच की दूरी दो किलोमीटर नहीं है। 14 दिन पहले आई राशि को तत्काल देना चाहिए था लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

इधर विभाग की इस व्यवस्था पर संघ ने सवाल उठाया है। मीडिया प्रभारी पंकज प्रकाश बच्चन ने कहा कि शिक्षकों की समस्या के प्रति विभाग के अधिकारियों की संवेदनहीनता का यह जीता जागता उदाहरण है। काफी जद्दोजहद के बाद शिक्षा भवन से नौ सितंबर को चेक बैंक भेजा गया। अब जब पंजाब नेशनल बैंक से राशि एसबीआई को हस्तांतरित कर दी गई तब स्थापना डीपीओ ही 10 सितंबर को पटना चले गए। लिहाजा 14 सितंबर तक शिक्षकों के खाते में राशि हस्तांतरित नहीं हो पाई। हालांकि, डीपीओ स्थापना ने शीघ्र भुगतान की बात कही है।

ये भी पढ़ें: भागलपुर के बाद मुजफ्फरपुर में महिला शिक्षक अभ्यर्थी की जिदंगी में आया तूफान, सुन लीजिए पिता की करुण पुकार

5156 शिक्षक वेतन से वंचित

जून और जुलाई माह के वेतन से जिले के कुल 5156 शिक्षक अब तक वंचित है। इसमें अलीगंज के 422, सिकंदरा के 515, जमुई के 397, खैरा के 856, बरहट के 208, गिद्धौर के 207, लक्ष्मीपुर के 445, झाझा के 421, सोनो के 789 तथा चकाई और चंद्रमंडी शैक्षणिक अंचल के 843 शिक्षक शामिल हैं। शिक्षकों का कहना है कि तीज-त्योहार पर किसी तरह उधार व्यवहार कर हमने अपना खर्चा चलाया अब राशि आई है तो उसपर इतनी लेटलतीफी क्यों? 

chat bot
आपका साथी