'ध्वज स्पर्श' कर 444 बेटियां ने हाथों में थामी राइफलें

पुलिस लाइन में 444 प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण पूरा करने के बाद शपथ ली।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 02:36 AM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 06:14 AM (IST)
'ध्वज स्पर्श' कर 444 बेटियां ने हाथों में थामी राइफलें
'ध्वज स्पर्श' कर 444 बेटियां ने हाथों में थामी राइफलें

भागलपुर। लेफ्ट राइट, लेफ्ट राइट और सावधान, विश्राम की कड़क आवाज से भागलपुर पुलिस लाइन मंगलवार को गूंज रहा था। मौका था पुलिस लाइन में पटना रेल समेत चार जिलों कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और अररिया जिला बल के महिला रंगरूटों के पारण परेड का। जिसमें कटिहार की 108, अररिया की 89, किशनगंज की 73, पूर्णिया की 81 और पटना रेल की 93 महिला प्रशिक्षुओं ने हिस्सा लिया। डीआइजी विकास वैभव ने महिला प्रशिक्षुओं को इमानदारी, सत्यनिष्ठा, अनुशासन और लोक सेवा की शपथ दिलाई। इसके पूर्व डीआइजी और एसएसपी आशीष भारती ने परेड का निरीक्षण किया। डीआइजी ने किया परेड का निरीक्षण

परेड ग्राउंड में कार्यक्रम की शुरूआत, प्रशिक्षुओं के पंक्तिबद्ध कर निरीक्षण के लिए तैयार किया गया। खुली जीप में डीआइजी और एसएसपी ने परेड का निरीक्षण किया। तत्पश्चात डीआइजी ने प्रशिक्षुओं को शपथ दिलाई। शपथ के पूर्व प्रशिक्षुओं ने तिरंगे और बिहार पुलिस के ध्वज को दोनों हाथ उठाकर स्पर्श किया। अर्ध चंद्राकार बनाकर महिला प्रशिक्षुओं ने अपने टोपी और कंधे के बैच से पट्टी हटाई। इसके बाद वे मार्चपास्ट में शामिल हुई। महिला प्रशिक्षुओं ने मार्चपास्ट के दौरान मौजूद अधिकारियों को सलामी दी। परेड कमांडर के रूप में पटना रेल की जवान कुमारी नन्ही और द्वितीय परेड कमांडर कटिहार जिला बल की नीतू कुमारी थी। बेहतर प्रशिक्षण के लिए सम्मानित किए गए ट्रेनर

प्रशिक्षण अवधि के दौरान अलग अलग विधाओं के लिए 17 महिला प्रशिक्षुओं को डीआइजी ने प्रशस्ति पत्र दिया। पर्यावरण के लिए किशनगंज बल की सरिता रानी, प्रशिक्षण अवधि में केवल एक दिन का अवकाश लेने के लिए किशनगंज बल की ज्योति कुमारी को सम्मानित किया गया। इसके अलाव प्रशिक्षण के सफल संचालन के लिए सार्जेट मेजर राम एकबाल यादव समेत 21 लोगों को प्रशस्ति पत्र दिया गया। प्लाटून कमांडर के रूप में पटना रेल समेत तीन जिलों की जवान थी।

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क्या है ध्वज स्पर्श

जब पुलिस जवानों का पारण परेड होता है। तब परेड मैदान के बीचों बीच निशान स्कार्ट पार्टी पहुंचती हैं। उसमें से एक जवान के हाथों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और विभागीय प्रतीक चिन्ह का ध्वज होता है। आदेश के बाद वे लोग बीच मैदान में ही दोनों झंडों को आपस में जोड़कर क्रास आकार बनाते हैं। उसके नीचे से सभी प्रशिक्षु जवान दोनों हाथों को उपर कर दोनों ध्वजों को स्पर्श कर आगे बढ़ते हैं। इसके बाद उनका प्रशिक्षण पूर्ण कहलाता है।

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