मधेपुरा में कबाड़ बन गई 21 एंबुलेंस, महज 20 एंबुलेंस के भरोसे पूरे जिले में चल रहा काम
एंबुलेंस को लेकर पूरे राज्य की सियासत गरमाई हुई है। इसके बाद भी प्रशासन खराब एंबुलेंस को दुरुस्त नहीं करा रहा है। मधेपुरा में 21 एंबुलेंस कबाड़ बन गया है। इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है।
मधेपुरा [प्रवीण वर्मा मुकुल]। सूबे में एंबुलंस प्रकरण में हुए हाय-तौबा का मामला शांत नहीं हुआ है कि जिले में एंबुलेंस कबाड़ बनने का मामला सामने आ रहा है। जबकि कोरोना काल में सारा फोकस स्वास्थ्य विभाग पर है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग है कि सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। चिकित्सीय सुविधा में फिसड्डी मधेपुरा का स्वास्थ्य विभाग एंबुलेंस को भी कबाड़ में तब्दील कर रहा है। जिले में 21 एंबुलेंस कबाड़ बन गया है या बनने के कगार पर है।
अस्पताल परिसर में सड़ रहा है। थोड़ी से खराबी के बाद रखा एंबुलेंस की स्थिति यह हो गई है कि अब ठीक ही नहीं हो सकता है। ऐसे में मरीजों को परेशानी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो जिले में 60 एंबुंलेंस की जरूरत है। वर्तमान में 20 से अधिक एंबुलेंस संचालित हो रहा है। कुछ एंबुलेंस खराब है। कुछ गैरेज में ठीक हो रहा है। सिर्फ सदर अस्पताल में करीब आधा दर्जन एंबुलेंस कबाड़ बन चुका है। वहीं जिले के विभिन्न अस्पतालों में भी खराब एंबुलेंस रखा हुआ है। लापरवाही के कारण कई एंबुलेंस बेकार हो चुका है। स्थिति यह है कि अब यह एंबुलेंस काम की नहीं रह गई है। ऐसे में एंबुलेंस की कमी के कारण मरीजों की जान तक जा रही है। लोग महंगे दामों पर प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा ले रहे हैं।
15 अस्पतालों में मात्र 20 एंबुलेंस
जिले में सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल सहित 13 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंबुलेंस की जरूरत रोज होती है। विभाग मात्र 20 एंबुलेंस के सहारे किसी प्रकार कार्य कर रही है। जबकि सही ढंग से कार्य के लिए कम से कम 60 एंबुलेंस की जरूरत है। कोरोना महामारी के दौर में मरीजों को लाने, ले जाने के लिए एंबुलेंस की आवश्यकता होती है। ऐसे में एंबुलेंस की कमी के कारण मरीजों के स्वजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
प्रखंड खराब एंबुलेंस संचालित एंबुलेंस
मधेपुरा : 07 : 05
ङ्क्षसहेश्वर : 01 : 01
पुरैनी : 02 : 01
गम्हरिया : 01 : 01
घैलाढ़ : 01 : 01
शंकरपुर : 02 : 01
कुमारखंड : 02 : 01
मुरलीगंज : 01 : 01
ग्वालपाड़ा : 00 : 02
उदाकिशुनगंज : 02 : 01
आलमनगर : 00 : 02
चौसा : 00 : 02
बिहारीगंज : 02 : 01
कुल : 21 : 20
कई एंबुलेंस दो लाख से अधिक किलोमीटर चल चुका है। इस कारण बेकार हो गया है। जो ठीक होने लायक है उसके ठीक कराया जा रहा है। वहीं नए एंबुलेंस के लिए भी विभाग को पत्र लिखा गया है।
डॉ. अमरेंद्र नारायण शाही, सिविल सर्जन, मधेपुरा