Bhagalpur: निजीकरण के खिलाफ 1800 रेलकर्मियों ने लाइट-बत्ती बंदकर किया विरोध-प्रदर्शन
घरों में रात आठ बजे से 8.10 बजे तक 10 मिनट लाइटें बंद रखकर विरोध जताया। इस दौरान रेल कॢमयों के घरवालों ने भी साथ दिया। रेलकर्मी की पत्नी और बच्चे भी घर से निकल गए।
भागलपुर, जेएनएन। अप्रैल में कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश भर में लोगों ने दीप जलाए थे, इसी तर्ज पर शुक्रवार को रेल यूनियन के आह्वान 1800 कर्मियों ने क्वार्टरों और घरों में रात आठ बजे से 8.10 बजे तक 10 मिनट लाइटें बंद रखकर विरोध जताया। इस दौरान रेल कर्मियों के घरवालों ने भी साथ दिया। रेलकर्मी की पत्नी और बच्चे भी घर से निकल गए।
ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन और रेलवे मेंस कांग्रेस यूनियन के आह्वान किया प्रदर्शन
ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन और रेलवे मेंस कांग्रेस यूनियन के आह्वान पर निजीकरण, पेंशन स्कीम और जबरन रिटायरमेंट किए जाने के विरोध में रेल बचाओ-देश बचाओ अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत शनिवार की रात भागलपुर, बांका, कहलगांव, सबौर, पीरपैंती, सुल्तानगंज स्टेशनों के विभिन्न विभागों में कार्यरत रेल कॢमयों ने 10 मिनट तक घरों की लाइटें बंद रखीं।
रेल कॢमयों ने सरकार के विरोध में लगाए नारे
इसमें रेल कर्मियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। भागलपुर में इस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के अध्यक्ष अख्तर हुसैन, सचिव आरके सिंह, संयुक्त सचिव चंदन कुमार और मेंस कांग्रेस के अध्यक्ष संजीव घोष के नेतृत्व में रेल कॢमयों ने सरकार के विरोध में नारे लगाए। मेंस यूनियन के संयुक्त सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार रेल कॢमयों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। मांगों पर विचार नहीं किया गया तो तेज आंदोलन किया जाएगा। इधर, स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के आह्वान पर स्टेशन मास्टरों ने काली पट्टी लगाकर काम किया।
लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे रेलकर्मी
निजीकरण के खिलाफ रेलकर्मी लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। रेल कर्मियों का कहना है कि सरकार रेलवे का निजीकरण करना चाहती है। इससे देश को नुकसान होगा। साथ ही हमारी जायज मांगों पर भी विचार नहीं किया जा रहा है। इसी को लेकर शनिवार को एक साथ सारे रेलकर्मियों ने लाइट-बत्ती बंद कर प्रदर्शन किया। यह आगे भी जारी रहेगा।