पर्यटन के रोडमैप में नहीं जुड़ सके कोसी के ये 14 धार्मिक स्थल, दूर-दराज से यहां मन्नत मांगने आते हैं लोग

कोसी के सभी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को पर्यटन के मानचितत्र से जोड़ा जाना था लेकिन इसका काम अब तक पूरा नहीं हो सका है। जनप्रतिनिधि सहित आमलोगों ने उक्त मामले पर एक बार फिर से साकारात्मक प्रयास करने की मांग नवपदस्थापित जिला पदाधिकारी से की है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 02:14 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 02:14 PM (IST)
पर्यटन के रोडमैप में नहीं जुड़ सके कोसी के ये 14 धार्मिक स्थल, दूर-दराज से यहां मन्नत मांगने आते हैं लोग
बिहारीगंज बनमंखी रेलखंड का काम नहीं हो सका पूरा।

जागरण संवाददाता, मधेपुरा। वर्षों पूर्व विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर तत्कालीन जिला पदाधिकारी ने प्रखंड क्षेत्र के 14 धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित किया था। सभी धार्मिक स्थलों को पर्यटकीय रोड मैप में शामिल करने के लिए स-समय पर्यटन विभाग को सूची भी भेजी गई थी। बावजूद उक्त मामला अभी तक अधर में लटका हुआ है। इसकी सूधी लेने वाला कोई नहीं है। लिहाजा स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित आमलोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है।

जनप्रतिनिधि सहित आमलोगों ने उक्त मामले पर एक बार फिर से साकारात्मक प्रयास करने की मांग नवपदस्थापित जिला पदाधिकारी से की है। मालूम हो कि तत्कालीन जिला पदाधिकारी मु. सोहैल के द्वारा पर्यटन विभाग के अवर सचिव को अपने कार्यकाल के दौरान शासन व प्रशासन के सभ्यता व संस्कृति धरोहर को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रखंड क्षेत्र के कुल १४ पौराणिक व दर्शनीय स्थल को पर्यटन के मानचित्र पर उकेरे जाने का किया गया सकारात्मक प्रयास अब धूमिल पड़ती जा रही है। यूनिस्को प्रोग्राम के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के पहल पर प्रखंड क्षेत्र के चिन्हित १४ धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल के विकास से संबंधित रोड मैप में शामिल करने का पत्र भेजा गया था।

तत्कालीन जिला पदाधिकारी के भेजे गये पत्र के अनुसार प्रखंड क्षेत्र के कार्तिक स्थान दुर्गापुर, रामजानकी ठाकुरबाड़ी दुर्गापुर गौठ, रामजानकी ठाकुरबाड़ी डुमरैल, भगवती स्थान कड़ामा, सरस्वती स्थान बलिया, काली स्थान मरूवाही, तालीम साह का मकबरा औराय, कार्तिक स्थान बथनाहा, सती स्थान एवं रणगाह नरदह, दुर्गा स्थान मकदमपुर, चंडिका स्थान चंडी स्थान मुसहरी, भगवती स्थान मारवाड़ी मुहल्ला पुरैनी तथा भोला स्थान (पुरंधरनाथ मंदिर) पुरैनी को पर्यटन स्थल के रूप मे चिन्हित किया गया था। लेकिन वर्षों पूर्व भेजी गई सूची पर अबतक न तो विभागीय स्तर से कोई भी संज्ञान ली गई है।

पदस्थापित जिला पदाधिकारी के स्तर से ही द्वारा उक्त मामले में कोई साकारात्मक पहल की जा सकी है। लिहाजा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के पहल पर सभ्यता व संस्कृति धरोहर को संरक्षित करने के उद्देश्य से पौराणिक व दर्शनीय स्थल को पर्यटन के मानचित्र पर उकेरे जाने का किया गया सकारात्मक प्रयास अब धूमिल पड़ती नजर आ रही है।  

chat bot
आपका साथी