बांका में किसानों के सहयोग के लिए कृषि विभाग ने उठाए यह कदम, राजस्व ग्राम को दी यह जिम्‍मेदारी

बांका में 12 हजार मिट्टी नमूने की होगी जांच। सभी प्रखंड से पांच-पांच राजस्व ग्राम का किया गया है चयन। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर ही किसान अपने खेतों में खाद का करें उपयोग। मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्वास्थ्य कार्ड के तहत किसानों को कार्ड दिया जाता है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:34 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:34 AM (IST)
बांका में किसानों के सहयोग के लिए कृषि विभाग ने उठाए यह कदम, राजस्व ग्राम को दी यह जिम्‍मेदारी
गुणवत्‍तापूर्ण व बेहतर खेती के लिए मिट्टी की जांच की जाएगी।

संवाद सूत्र, बांका। किसानों की समस्या को देखते हुए कृषि विभाग द्वारा प्रखंड स्तर पर खेत से मिट्टी जांच के लिए नमूना लिया जा रहा है। इसके लिए जिले के सभी प्रखंड के पांच-पांच राजस्व ग्राम का चयन किया गया है। जहां से कृषि समन्वयक द्वारा किसान के खेत से मिट्टी लेकर जांच के लिए कृषि विभाग के प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। जांच के बाद किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को दिया जाएगा। इसमें खेत की मिट्टी की पूरी जानकारी होगी। किसान इसके आधार पर अपने खेतों में उर्वरकों का प्रयोग कर सकेंगे।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजन के तहत जिले के 55 राजस्व ग्राम से 12 हजार 19 नमूने की जांच की जाएगी। इसमें से सात हजार दो सौ नमूना लिया जा चुका है। अन्य जगहों से नमूना लेने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। मिट्टी जांच होने के बाद किसान संतुलित उर्वरक ही अपने खेतों में डालेंगे। अभी जिले के अधिकांश किसान बिना मिट्टी जांच कराए अधिक उत्पादन के लिए अधिक खाद का प्रयोग करते है। इससे खेतों की उर्वरा शक्ति घटती है। इससे किसानों का लागत खर्च भी अधिक हो जाता है। मिट्टी जांच कराने के बाद अनावश्यक खाद का प्रयोग किसान खेतों में नहीं करेंगे।इससे खेतों की उर्वरा शक्ति बरकरार रहेगी।

हर तीन साल में मृदा जांच जरूरी

मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत किसानों को जो कार्ड दिया जाता है। उसमें खेत की मिट्टी किस प्रकार की है। इसकी जानकारी मिलती है। जिससे किसान अपनी जमीन की मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर फसल लगा सके। एवं फसल के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग कर सके। इससे किसानों को मृदा की गुणवत्ता संबंधी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। किसानों को हर तीन साल में एक बार अपने मृदा की जांच करा लेनी चाहिए।

किस प्रखंड से कितने नमूना लेने का लक्ष्य

प्राखंड नमूना

अमरपुर - 1323

बांका - 979

बौंसी - 1351

बाराहाट -  1248

बेलहर -  690

चांदन - 1330

धोरैया - 828

फुल्लीडुमर - 1612

शंभूगंज - 1115

रजौन - 723

कटोरिया - 820

मिट्टी जांच के लिए जिले के सभी प्रखंड से पांच-पांच राजस्व ग्राम का चयन किया गया है। जहां से कुल 12 हजार 19 नमूना लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से सात हजार दो सौ नमूना लिया जा चुका है। शेष एक सप्ताह के अंदर सत फीसद पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद मिट्टी जांच कर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण किया जाएगा। जिससे किसान इसके आधार पर अपने खेतों में उर्वरकों का प्रयोग कर सके। - विकास कुमार,सहायक निदेशक रसायन

chat bot
आपका साथी