हैदराबाद पुलिस की कार्रवाई की फैन हुईं महिलाएं, खुल कर रही हैं तारीफ

बेगूसराय। हैदराबाद में दरिदगी की हद पार करने वालों को मौत के घाट उतारे जाने की सूचना पर महिलाओं के बीच से मिली जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं। एक सुर में जहां सभी ने इनकाउंटर को दुरुस्त करार दिया है तो वहीं पुलिस से यह अपेक्षा भी व्यक्त की है कि उसके गुनहगार होने के पुख्ता सुबूत भी समाज के सामने आने चाहिए। इसके साथ ही कुछ महिलाओं ने इस कार्रवाई को सिरे से नकार दिया तथा तीस दिनों के अंदर सजा दिलाने के प्रावधान की मांग उठाई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 07:43 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 06:13 AM (IST)
हैदराबाद पुलिस की कार्रवाई की फैन हुईं महिलाएं, खुल कर रही हैं तारीफ
हैदराबाद पुलिस की कार्रवाई की फैन हुईं महिलाएं, खुल कर रही हैं तारीफ

बेगूसराय। हैदराबाद में दरिदगी की हद पार करने वालों को मौत के घाट उतारे जाने की सूचना पर महिलाओं के बीच से मिली जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं। एक सुर में जहां सभी ने इनकाउंटर को दुरुस्त करार दिया है तो वहीं पुलिस से यह अपेक्षा भी व्यक्त की है कि उसके गुनहगार होने के पुख्ता सुबूत भी समाज के सामने आने चाहिए। इसके साथ ही कुछ महिलाओं ने इस कार्रवाई को सिरे से नकार दिया तथा तीस दिनों के अंदर सजा दिलाने के प्रावधान की मांग उठाई। पुलिस इनकाउंटर कोई नई घटना नहीं है। मगर यह सार्वजनिक चिता का विषय है कि लोग प्रथम बार में ही इस इनकाउंटर की प्रशंसा कर रहे हैं। मतलब साफ है कि लोग इस तरह की घृणित कार्यों से काफी ऊब चुके हैं और वे ठोस कानून चाहते हैं।

डॉ. स्वप्ना चौधरी : प्राचार्य, एसके महिला कॉलेज बेगूसराय (फोटो-56) समाज में हर तरह के अपराध हर दौश्र में होते रहे हैं। लेकिन जब किसी खास तरह के अपराध पर समाज में आम तौर पर घोर घृणा दिखाई देने लगे तब समझ लेना चाहिए कि पानी सिर से ऊपर जाने लगा है। जिसके लिए शासन के स्तर से विशेष और ठोस उपाए करने होंगे। हैदराबाद में समाज की उसी सोच को सच करने का एक प्रयास किया गया है।

प्रो. रूमा सिन्हा : व्याख्याता मनोविज्ञान विभाग, एसकेएम कॉलेज (फोटो-57) जो हुआ बहुत ही अच्छा हुआ। इसे तो कानूनी रूप दिया जाना चाहिए। ताकि इस तरह की दरिदगी करने वालों को सबक मिले। सिर्फ रेप और मर्डर पर ही नहीं, बल्कि इसके अतिरिक्त और भी कई तरह की क्रूर घटनाएं होती हैं, जिसके बारे में सुनकर, पढ़कर या देखकर रूह कांप जाता है। वैसे अपराध के दोषियों को भी उसी तरह की सजा दी जानी चाहिए।

प्रो. नीरज वाला, व्याख्याता हिदी विभाग, एसकेएम कॉलेज (फोटो-58) हैदराबाद रेप-मर्डर कांड की घटना के बाद पुलिस की प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई हमें जरूर आत्म संतुष्टि प्रदान करती है। लेकिन हम भारत के नागरिक संविधान से परे नहीं हैं। हम हमारे विकृत सामाजिक मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है। हमारे कानूनी व्यवस्था में इस प्रकार की घृणित कार्यों के लिए त्वरित तथा सख्त सजा का प्रावधान होना चाहिए।

प्रो. रानी कुमारी, व्याख्याता इतिहास विभाग, एसकेएम कॉलेज (फोटो-59) हैदराबाद में जो हुआ ठीक नहीं हुआ। आरोपितों पर पूरी तरह आरोप साबित होने के बाद ही यह कार्रवाई होनी चाहिए। कानून में ऐसा प्रावधान किया जाना चाहिए कि इस तरह की घटनाएं घटित करने से पहले करने वाले कांप जाएं। हमारा मानना है कि इस तरह की घटनाओं में तीस दिनों के अंदर सजा देने का प्रावधान किया जाना चाहिए।

नीना यादव, प्रधान लिपिक, एसकेएम कॉलेज (फोटो-)60 हैदराबाद, रांची, बक्सर हो या उन्नाव की घटना हो, सभी में अपराधी के अपराध करने का अंदाज यह बताने के लिए काफी है कि मुजरिमों के बीच से कानून का डर समाप्त हो गया है। इसके पीछे ढेर सारे कारण हो सकते हैं, बड़ा कारण अपराधियों को सामाजिक मान्यता मिलना है। हैदराबाद पुलिस ने अगर सही आरोपित को मौत के घाट उतारा है तो यह स्वागत योग्य है, यदि खुद को बचाने और मामले को शांत करने के लिए कार्रवाई की है तो चिता का विषय है।

डॉ. सहर अफरोज, एचओडी उर्दू विभाग, जीडी कॉलेज बेगूसराय (फोटो-61) बेशक हैदराबाद पुलिस ने अच्छा काम किया है। मैं उन पुलिसकर्मियों के बधाई देती हूं, जिन्होंने इतना अधिक साहस दिखाया है। इसके साथ ही सरकार से उन सभी पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत करने की भी मांग करती हूं। बलात्कारी को ऐसी ही सजा मिलनी चाहिए।

खुशी भारती, शिक्षिका बखरी (फोटो-1) सबसे पहले मैं हैदराबाद पुलिस को धन्यवाद देती हूं। पुलिस ने बोल्ड हो कर यह कार्रवाई की है। अब जाकर मृतात्मा को शांति मिलेगी। उनके परिजनों की भी यही मांग थी कि पुलिस अपराधियों को सारे आम फांसी पर लटकाए।

निशा भारती, गृहणी बखरी (फोटो-2) हैदराबाद में पुलिस की कार्रवाई अच्छी पहल है। घटना की सूचना भर से किसी भी मानव का दिल कांप जा रहा था। घटना को अंजाम देने वालों के लिए पुलिस ने जो कार्रवाई की है वह सराहनीय कदम है। सरकार न्याय दिलाने के लिए ठोस पहल करे और ऐसे अपराधियों के लिए लंबी सुनवाई की प्रक्रिया के बजाए त्वरित कार्रवाई पर जोर दे।

शीतल देवा, प्राचार्य, माउंट लिट्रा स्कूल उलाव, बेगूसराय (फोटो-12)

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