अमारी ठाकुरबाड़ी से अष्टधातु की तीन मूर्तियां चोरी

बेगूसराय छौड़ाही ओपी क्षेत्र में चोरों के निशाने पर अब भगवान भी आ गए हैं। चोरों ने अमार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 08:55 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 08:55 PM (IST)
अमारी ठाकुरबाड़ी से अष्टधातु की तीन मूर्तियां चोरी
अमारी ठाकुरबाड़ी से अष्टधातु की तीन मूर्तियां चोरी

बेगूसराय : छौड़ाही ओपी क्षेत्र में चोरों के निशाने पर अब भगवान भी आ गए हैं। चोरों ने अमारी गांव स्थित श्रीराम-जानकी ठाकुरबाड़ी से अष्टधातु निर्मित श्रीराम, माता जानकी एवं लक्ष्मण जी की तीन मूर्तियां शुक्रवार की रात्रि चोरी कर ली। भगवान के स्वर्ण आभूषण तक चोर ले गए। आश्चर्य की बात यह रही कि ठाकुरबाड़ी के पुजारी सोए रह गए और चोर संपत्ति पर हाथ साफ कर ले गया। शनिवार की सुबह भगवान जी को गायब देख गांव में हड़कंप मच गया। मालूम हो कि आज से तीन वर्ष पूर्व नारायणपीपड़ एवं 10 वर्ष पूर्व सिहमा ठाकुरबाड़ी से भी कीमती मूर्तियां चोरी हो गई थी, जो आज तक नहीं मिली।

शनिवार की सुबह हुई घटना की जानकरी : अमारी निवासी धर्मकांत कुमार ने चोरी से संबंधित मामला दर्ज कराया। धर्मकांत कुमार ने बताया कि शुक्रवार की रात्रि पूजा पाठ कर भगवान को भोग लगाकर मंदिर का पट बंदकर पुजारी रामबालक दास बगल में ही सो गए थे। शनिवार की सुबह जब लोग आरती, भोग लगाने ठाकुरबाड़ी पहुंचे तो पुजारी सोए हुए थे। वहीं मंदिर का दरवाजा खुला हुआ था। लोगों ने देखा कि भगवान श्रीराम, माता जानकी और लक्ष्मण अपने सिंहासन से गायब हैं। वहीं पुजारी ने बताया कि उन्हें सुबह ग्रामीण जगाए तब जगे। रात्रि में क्या हुआ उन्हें पता नहीं है। गेट पर ताला नहीं लगाने के संबंध में पुजारी ने कोई जवाब नहीं दिया। इसकी की जानकारी पुलिस को दी गई। छौड़ाही ओपी अध्यक्ष घटनास्थल पर पहुंचे तो ठाकुरबाड़ी के पीछे सुनसान जगह पर अष्टधातु निर्मित एक धनुष फेंका मिला। वहीं तीनों मूर्तियां एवं स्वर्ण आभूषण का पता नहीं चला।

75 किलो की है अष्टधातु की मूर्तियां : पुजारी रामबालक दास ने बताया कि तीनों मूर्ति 25-25 किलो यानी 75 किलो अष्टधातु से निर्मित है। यह पौराणिक मूर्तियां थी जिन्हें बाहर से लाकर 1962 में ठाकुरबाड़ी में स्थापित किया गया था। तीनों मूर्ति में सोना और चांदी का वजनी चेन, दो चांदी के तीर, हाथ पैर में काड़ा समेत लाखों के आभूषण थे।

दरवाजा पर नहीं लगा था ताला : ग्रामीणों का कहना था कि कीमती अष्टधातु की मूर्तियां एवं सोने-चांदी के आभूषण रहने के कारण चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के रामपुर गोपालपुर निवासी श्रीरामबालक दास को पुजारी बनाकर पूजा पाठ के अलावा यहां की सारी संपत्ति की देखरेख का दायित्व दिया गया था। प्रतिदिन भगवान जी के कक्ष का द्वार आरती भोग के बाद बंद कर ताला लगा दिया जाता था। परंतु, शुक्रवार की रात्रि पुजारी ने ताला नहीं लगाया। ग्रामीण का कहना है कि वजनी मूर्ति सिंहासन से उखाड़ कर चोरी करने में पांच-सात चोर अवश्य होंगे। इतनी खटर-पटर के बाद दरवाजे के आगे सोए पुजारी नहीं जगे, यह संदेह उत्पन्न कर रहा है। ग्रामीण छौड़ाही ओपी अध्यक्ष से इस संबंध में भी पूछताछ करने की मांग कर रहे थे।

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