नदी से दोनों मासमों का शव मिलते ही मचा कोहराम

बेगूसराय। रविवार का दिन बखरी के लिए अशुभ रहा। क्षेत्र को अलग-अलग घटनाओं में तीन मासूमों की दर्दनाक मौत के दर्द को झेलना पड़ा। पहली घटना में बखरी थाना के परिहारा ओपी क्षेत्र के चमराही गांव में शनिवार से एक साथ लापता दो मासूम का शव स्थानीय गंडक नदी से बरामद किया गया। दोनों बच्चे आपस में चचेरे भाई थे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 07:12 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 07:12 PM (IST)
नदी से दोनों मासमों का शव मिलते ही मचा कोहराम
नदी से दोनों मासमों का शव मिलते ही मचा कोहराम

बेगूसराय। रविवार का दिन बखरी के लिए अशुभ रहा। क्षेत्र को अलग-अलग घटनाओं में तीन मासूमों की दर्दनाक मौत के दर्द को झेलना पड़ा। पहली घटना में बखरी थाना के परिहारा ओपी क्षेत्र के चमराही गांव में शनिवार से एक साथ लापता दो मासूम का शव स्थानीय गंडक नदी से बरामद किया गया। दोनों बच्चे आपस में चचेरे भाई थे। वे दोनों शनिवार की सुबह करीब 10 से ही लापता थे। दोनों बच्चे गांव के सूर्यनारायण महतो के सात वर्षीय पुत्र हिमांशु उर्फ गोलू तथा रामज्ञान महतो के पुत्र 11 वर्षीय हर्ष कुमार हैं। जबकि दूसरी घटना में एक ईंट लदे ट्रैक्टर ने कोचिग जा रही एक छात्रा को कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। नदी से शव बरामद होते ही गांव में पसरा मातम

दोनों बच्चे के शव के स्थानीय गंडक नदी से बरामद होने के बाद गांव में कोहराम मच गया। सूचना मिलते ही बच्चों की बरामदगी को लेकर सड़क जाम कर रहे ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। बच्चों के शव को देखने के बाद स्वजन समेत ग्रामीण फफक पड़े। शव का बुरा हाल था। बच्चों के शरीर पर बड़े-बड़े फोड़े तथा आंखें फूटी हुई थी। कल तक जिन बच्चों की खूबसूरती और उसकी मासूमियत पर मां बाप निहाल हो रहे थे, आज उनके उसी कलेजे के टुकड़े की शव सामने पड़ा था। माता, पिता और सगे-संबंधी की चीख पुकार से पूरा माहौल गमगीन था। सभी का रो रोकर बुरा हाल था। उनकी चीख पुकार से सभी की आंखें नम थी। बच्चों के स्वजन बार-बार मूर्छित हो रहे थे। इससे पहले भी परिवार का एक बच्चा हो चुका है गुम

ग्रामीणों के मुताबिक, रामज्ञान महतो, सूर्यनारायण महतो तथा श्यामनारायण महतो तीनों सहोदर भाई हैं। ग्रामीण बताते हैं कि इससे पूर्व भी पांच साल पहले श्यामनारायण महतो का इकलौता पुत्र 12 वर्षीय रुपेश कुमार बेला चौक से अचानक गायब हो गया था। घटना के दिन बालक अपने पिता के साथ सब्जी खरीदने गया था। उक्त घटना में भी बालक का आज तक कोई सुराग नहीं मिल पाया। उस घटना के बाद श्यामनारायण तथा उनकी पत्नी अपने एकमात्र पुत्र की गुमशुदगी का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके और घर छोड़कर कहीं चले गए। उन दोनों का भी आज तक कोई अता पता नहीं चल सका है। इस तरह एक ही परिवार के एक बच्चे की गुमशुदगी तथा दो बच्चों की मौत से परिवार सहित ग्रामीण सदमे में हैं। बच्चे की हत्या हुई या डूबने से मौत? पोस्टमार्टम से होगा खुलासा

इधर बच्चों के शव की बरामदगी तथा उसकी हालत को देख स्वजन हत्या की बात पर अड़े हुए हैं। स्वजनों का मानना है कि उनके बच्चे की हत्या कर शव को नदी में फेंका गया है। बच्चों के शरीर पर फफोले मिलने से लोग हत्या के बाद एसिड डाले जाने की भी बात कह रहे हैं। साथ ही दोनों में बड़े बच्चे हर्ष की आंखें भी फूटी प्रतीत हो रही है। इससे ग्रामीण बच्चों की नृशंस हत्या की बात मान रहे हैं। हालांकि पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही कुछ बोलने की बात कह रही है। हीरालाल पंडित के घर भी मातमी सन्नाटा

रविवार को ब्लाक चौक पर ईंट लदे ट्रैक्टर से कुचल कर छात्रा की मौत के बाद उनके घर में भी मातम पसरा हुआ है। घटना के समय छात्रा अपने भाई के साथ साइकिल से कोचिग पढ़ने जा रही थी। अपनी होनहार बच्ची की मौत के बाद हीरालाल और उसके स्वजनों का रो रोकर हाल बेहाल है।

chat bot
आपका साथी