हिदी को ग्लोबलाइज करने पर सार्थक विचार की सख्त जरूरत : डा. तपन शांडिल्य

बेगूसराय। एसबीएसएस महाविद्यालय और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास उत्तर बिहार के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को हिदी माध्यम में उच्च शिक्षा की चुनौतियां विषयक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 07:27 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 07:27 PM (IST)
हिदी को ग्लोबलाइज करने पर सार्थक विचार की सख्त जरूरत : डा. तपन शांडिल्य
हिदी को ग्लोबलाइज करने पर सार्थक विचार की सख्त जरूरत : डा. तपन शांडिल्य

बेगूसराय। एसबीएसएस महाविद्यालय और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास उत्तर बिहार के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को हिदी माध्यम में उच्च शिक्षा की चुनौतियां विषयक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता कालेज आफ कामर्स आ‌र्ट्स एंड साइंस पटना के प्राचार्य प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि हमें भाषा के महत्व को स्वीकार करना होगा। हिदी को ग्लोबलाइज कैसे करें इस विषय पर हमें सोचना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि संरक्षण और प्रयोग के माध्यम से ही हम हिदी माध्यम में उच्च शिक्षा की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। विषय प्रवर्तन करते हुए विश्वविद्यालय सेवा आयोग के सदस्य प्रो. विजयकांत दास ने कहा कि हमारे सम्मान की भाषा हिदी है। हमें व्यावहारिक रूप से काम करते हुए उच्च शिक्षा की चुनौतियों को दूर करना होगा। विशिष्ट अतिथि नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. घनश्याम राय ने कहा कि अध्ययन सामग्री की अनुपलब्धता के कारण उच्च शिक्षा के सामने कई चुनौतियां हैं। अध्यक्षता करते हुए एसबीएसएस महाविद्यालय के प्राचार्य डा. लक्ष्मण झा ने कहा कि हिदी माध्यम में उच्च शिक्षा की चुनौती कई रूपों में है। एक बेहतर समन्वय के साथ काम करने की जरूरत है। कार्यक्रम की शुरुआत कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय की साधना शर्मा के सरस्वती गायन से हुआ। स्वागत भाषण ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य डा. विजय कुमार ने दिया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के अमित कुमार गुंजन, विवेक कुमार सिन्हा, संजय भगत, माधुरी कुमारी, रोली कुमारी, स्वाति कुमारी, रुचि जैन, डा. नीलेश कुमार के अलावा हरिशंकर, राघवेंद्र किशोर सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।

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