चुनाव प्रचार में बाइक वालों की बल्ले-बल्ले

बेगूसराय। चेरिया बरियारपुर में विधानसभा चुनाव आगामी तीन नवंबर को होना निर्धारित है। चुनाव प

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 05:57 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 05:57 PM (IST)
चुनाव प्रचार में बाइक वालों की बल्ले-बल्ले
चुनाव प्रचार में बाइक वालों की बल्ले-बल्ले

बेगूसराय। चेरिया बरियारपुर में विधानसभा चुनाव आगामी तीन नवंबर को होना निर्धारित है। चुनाव प्रचार परवान चढ़ चुका है। अब सुबह के छह बजे से रात तक प्रचार वाहनों से प्रत्याशियों के गुणगान, बखान करते लाउडस्पीकर की आवाज सुनाई देती है।

दूसरी तरफ विगत कई दिनों से तमाम प्रत्याशी बाइक रैली पर जोर दे रहे हैं। इससे विधानसभा क्षेत्र के बाइक वालों एवं बेरोजगार घूमने वाले युवकों को रोजगार मिल रहा है। वह काफी प्रसन्न भी हैं। खुश हो भी क्यों नहीं, जब भरपेट भोजन, चाय समोसा, पान की गिलोरी के साथ नकदी जो इस बैठारी में प्रतिदिन मिल रहा है। हालांकि स्थिति तब हास्यास्पद हो जाती है जब एक प्रत्याशी की बाइक रैली से आए दर्जनों बाइक वाले दूसरे प्रत्याशी की बाइक रैली में जिदाबाद के नारे लगाते हुए गुजरते हैं। मतदाता भी इस चीज का काफी मजा ले रहे हैं। बाइक वालों की तो बल्ले-बल्ले हो रही है।

पैसा पेट्रोल भोजन और क्या चाहिए

एक प्रत्याशी की बाइक रैली से लौटे महेंद्र, गौरव, सुशांत, रविद्र 15-20 बाइकर मित्रों के साथ छौड़ाही में चाय की चुस्की ले रहे थे। सभी परिचित थे, देखते ही सभी युवकों ने अभिवादन किया। पूछने पर धड़ाधड़ बताने लगे भैया जी घर पर बैठे रहते थे। एक सप्ताह से एक दिन में दो प्रत्याशी की बाइक रैली में हिस्सा लेते हैं। एक प्रत्याशी की बाइक रैली में जाने पर गाड़ी में पेट्रोल के लिए दो सौ रुपये, गाड़ी पर बैठने वाले प्रति व्यक्ति के लिए 150 रुपये पहले ही मिल जाते हैं। इसके अलावा प्रति व्यक्ति सौ रुपये भोजन का भी मिल जाता है। बाइक रैली में जाते हैं तो चाय, समोसा और पान की गिलोरी तो जगह-जगह मिल ही जाती है। बताइए एक बाइक पर दो आदमी बैठे हैं, प्रतिदिन 12 सौ रुपये दो आदमी में बन जाता है। इतना तो मजदूरी भी नहीं मिलती है। कहा, भोजन मिला, पैसा मिला, चाय पान मिला अब क्या चाहिए। इन युवकों का कहना था कि वोट किसको देना है वह पहले ही डिसाइड कर लिया है। किसी के साथ घूमने में हर्ज क्या है। वहीं ऑटो चालक मंगल कुशवाहा, विनोद बिहारी आदि बताते हैं कि अभी रोज किसी न किसी नेता का आगमन हो रहा है। पांच सौ से हजार रुपये एक जनसभा में पांच आदमी को ले जाने पर मिल जाता है। भोजन पानी भी मिल जाता है। एक तारीख तक का एडवांस बुकिग है। बताया कि कुछ छुटभैये नेता कमीशन मांग लेते हैं, जिससे दिक्कत होती है। पैसा देने में हो रही किचकिच

सिहमा चौक के आगे पुलिया के नजदीक कुछ लोग आपस में बहस कर रहे थे। नजदीक जाने पर पता चला कि सभी छौड़ाही प्रखंड के कार्यकर्ता हैं। एक नेता कह रहे थे, आठ आदमी को बाइक रैली में ले गए। अध्यक्ष जी इसका पैसा रख लिए हैं। बाइक वाला हमसे पैसा मांग रहा है। बताइए हम वोट दें कि पैसा दें। तमाम प्रत्याशियों के स्थानीय समर्थक के पैसे पचाने की प्रवृत्ति से असहज स्थिति उत्पन्न हो रही है। रब्बान, महेश बताते हैं कि तीन दिन बाइक रैली में ले गए। 12 सौ के हिसाब से 36 सौ रुपये बनता है। परंतु, प्रत्याशी के स्थानीय कार्यकर्ता पैसे नहीं दे रहे हैं। अपना पेट्रोल भी खर्च कर लिए, बताइए यह ठीक बात है।

chat bot
आपका साथी