फसल क्षति की सूची से चेरिया बरियारपुर प्रखंड का नाम गायब देख किसानों में खलबली

बेगूसराय जिले के दौरे पर पहुंचीं जिला की प्रभारी मंत्री सह उप मुख्यमंत्री रेणु देवी के समक्ष्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 10:18 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 10:18 PM (IST)
फसल क्षति की सूची से चेरिया बरियारपुर प्रखंड का नाम गायब देख किसानों में खलबली
फसल क्षति की सूची से चेरिया बरियारपुर प्रखंड का नाम गायब देख किसानों में खलबली

बेगूसराय : जिले के दौरे पर पहुंचीं जिला की प्रभारी मंत्री सह उप मुख्यमंत्री रेणु देवी के समक्ष जिला प्रशासन द्वारा प्रस्तुत फसल क्षति की रिपोर्ट से चेरिया बरियारपुर के किसानों का नाम गायब रहने से किसानों में खलबली मच गई है। किसानों ने इस पर आपत्ति जताई है। कहा, यह किसानों के साथ धोखा है। किसानों ने सूची में सुधार करने की मांग जिला प्रशासन व सरकार से की है। सुधार नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के प्रभावित लोग, पशुधन व फसलों की समीक्षा एवं कुछ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के क्रम में उनके द्वारा जिले के 13 प्रखंडों में कुल 94 पंचायत पूर्ण रूप से जबकि 23 पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित होने की जानकारी दी गई। इस दौरान बाढ़ के अलावा जल जमाव से भी हुई फसल की क्षति पर किसानों को मुआवजा दिए जाने की बात उन्होंने कहीं। सूची में शामिल 13 जलप्लावित प्रखंडों में चेरिया बरियारपुर प्रखंड का नाम गायब देखकर किसानों के होश उड़ गए हैं। क्षेत्र के किसान अवनीश सिंह, राजीव सिंह, रामदिनेश महतो, कारी सिंह, अनमोल कुमार शरण, ताराकांत सिंह, राजीव कुशवाहा, अरविद गुप्ता, लक्ष्मण सिंह, वरुण सिंह, संजय सिंह, दिलीप सिंह उर्फ डिस्को, वीरेंद्र सहनी सहित दर्जनों किसानों ने प्रभारी मंत्री के समक्ष प्रस्तुत सर्वे रिपोर्ट की तीखी आलोचना की। किसानों ने बताया कि चेरिया बरियारपुर प्रखंड भी जलप्लावित है तथा किसानों का गन्ना, मक्का आदि फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। अक्टूबर से किसानों को रवि फसल की बुआई की तैयारी भी करनी है, परंतु अब भी जलप्लावित क्षेत्र को देखकर लगता है, कि समय पर बुआई का कार्य पूरा नहीं हो सकेगा। क्षेत्र के किसानों ने जिले के प्रभारी मंत्री सह उप मुख्यमंत्री रेणु देवी से पुन: एक बार रिपोर्ट पर गौर करते हुए चेरिया बरियारपुर प्रखंड का नाम भी शामिल करने की मांग की है। साथ ही कावर परिक्षेत्र की उपरी सतह तक डूबे इलाके से जलनिकासी की व्यवस्था सुनिश्चित कराने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन के लिए बाध्य होने की चेतावनी दी है।

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