स्कूल खुले, चेहरे खिले, बिछड़े दोस्तों संग जमकर की मस्ती

बेगूसराय। कोरोना महामारी के बाद करीब 11 माह के अंतराल पर एक मार्च से जिले के प्राथमिक विद्यालय खुल गए। पहली बार इतने लंबे समय तक स्कूल बंद हुए थे। स्कूल बंदी के बाद ऑनलाइन क्लास और घर की चहारदीवारी से बोर हो चुके बच्चे स्कूल पहुंचते ही मस्ती में खो गए। अधिकतर बच्चों के चेहरों पर खुशियां साफ थीं। बच्चों की खुशियां दो तरह से अधिक थीं एक तो स्कूल खुला दूसरा बंद होते समय वे जिस क्लास में थे स्कूल खुलने पर वह उस क्लास से एक क्लास आगे निकल गए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 06:29 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 06:29 PM (IST)
स्कूल खुले, चेहरे खिले, बिछड़े दोस्तों संग जमकर की मस्ती
स्कूल खुले, चेहरे खिले, बिछड़े दोस्तों संग जमकर की मस्ती

बेगूसराय। कोरोना महामारी के बाद करीब 11 माह के अंतराल पर एक मार्च से जिले के प्राथमिक विद्यालय खुल गए। पहली बार इतने लंबे समय तक स्कूल बंद हुए थे। स्कूल बंदी के बाद ऑनलाइन क्लास और घर की चहारदीवारी से बोर हो चुके बच्चे स्कूल पहुंचते ही मस्ती में खो गए। अधिकतर बच्चों के चेहरों पर खुशियां साफ थीं। बच्चों की खुशियां दो तरह से अधिक थीं, एक तो स्कूल खुला, दूसरा बंद होते समय वे जिस क्लास में थे, स्कूल खुलने पर वह उस क्लास से एक क्लास आगे निकल गए।

जिला शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में 745 प्राथमिक विद्यालय आज से संचालित हो गए हैं। जबकि इन सरकारी स्कूलों के अलावा 20 मान्यता प्राप्त और करीब पांच सौ निजी स्कूलों में भी पठन-पाठन का कार्य आरंभ हुआ। सरकारी गाइडलाइन के अनुसार स्कूलों में कोरोना नियमों का सख्ती से पालन कराया गया। बच्चों को हैंड सैनिटाइज, मास्क पहन कर स्कूल आने और फिर क्लास में शारीरिक दूरी का अनुपालन कराया गया। डीपीओ प्रारंभिक शिक्षा एवं सर्वशिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने बताया कि फिलहाल पचास फीसदी बच्चों को ही उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था। कई स्कूलों में अधिक बच्चे आ गए थे, कई में कम बच्चे आए थे। जहां अधिक आए थे वहां से बच्चों को वापस भेज दिया गया। अरे, उधर कहां जा रहा है, नल इधर लगा है

सदर प्रखंड के मध्य विद्यालय रतौली में बच्चों की खुशियां और उनकी मस्ती देखने के लायक थी। वहां बच्चों का एक झुंड दोस्तों संग मस्ती करता दिखा, एक लड़का पानी की तलाश में कैंपस के दूसरी तरफ जाता दिखा तो दूसरे कई साथियों ने चिल्लाया, अरे उधर कहां जा रहा है, नल इधर लगा हुआ है। दरअसल स्कूल बंदी के बावजूद विद्यालय प्रधान धनंजय कुमार झा विद्यालय की साज-सज्जा और उसकी जरूरतों को पूरा करने में व्यस्त रहे थे। चापाकल की जगह बच्चों के लिए स्वच्छ पेयजल, आकर्षक और सुंदर वॉशरूम, वर्ग कक्षों की सुंदरता और कैंपस में रंग-बिरंगे फूल-पौधे खूब लगाए। एचएम ने बताया कि जब लॉकडाउन के बाद लोगों को घरों से निकलने की अनुमति मिली तो वे तभी से स्कूल में आकर विद्यालय की दूसरी व्यवस्थाओं में लग जाते थे। विद्यालय बंदी के दौरान ही कई तरह की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त किया गया है। संग्रहित किया जा रहा है आंकड़ा

डीपीओ समग्र शिक्षा राजकुमार शर्मा ने बताया कि देर शाम तक सभी स्कूलों से बच्चों की उपस्थिति मांगी गई है। शाम छह बजे तक सभी प्रखंडों से रिपोर्ट आ जाएंगे। उन्होंने बताया कि स्कूलों की मॉनिटरिग के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जिसमें एडीपीसी रविभूषण सहनी, रामदेव महतो और मो. मुश्ताक अहमद शामिल हैं। यह सभी प्रतिदिन स्कूलों की दैनिक स्थिति, उपस्थिति एवं व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे।

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