बाहर से लाए गए सफाई कर्मियों को काम करने से रोका, हंागामा
बेगूसराय। नगर परिषद बीहट के सफाई कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से जगह-जगह कूड़ा-कचरा का अंबार लग गया है। नाले का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। इससे राहगीरों को परेशानी हो रही है। सफाई कर्मियों एवं कार्यपालक पदाधिकारी के बीच कई दौर की वार्ता हुई परंतु सफल नहीं हुई।
बेगूसराय। नगर परिषद बीहट के सफाई कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से जगह-जगह कूड़ा-कचरा का अंबार लग गया है। नाले का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। इससे राहगीरों को परेशानी हो रही है। सफाई कर्मियों एवं कार्यपालक पदाधिकारी के बीच कई दौर की वार्ता हुई, परंतु सफल नहीं हुई।
कार्यपालक पदाधिकारी नसीमुद्दीन खान, सफाई जमादार मो. नदीम द्वारा नाले की सफाई के लिए बाहर से मजदूर लाए गए। परंतु, हड़ताली सफाई कर्मियों ने काम करने से रोक दिया। इस दौरान कार्यपालक पदाधिकारी और सफाई कर्मी आमने-सामने हो गए। एफसीआइ ओपी की पुलिस द्वारा समझाने पर मामला शांत हुआ। परंतु, हड़ताली सफाईकर्मियों ने उनकी एक नहीं सुनीं। इसके बाद सफाई कर्मी तेघड़ा विधायक रामरतन सिंह के पास गए। वहां भी उनकी वार्ता विफल हो गई। इसके बाद एटक नेता प्रहलाद सिंह, मुख्य पार्षद रजनीश कुमार एवं मजदूरों के बीच वार्ता हुई। मजदूरों द्वारा रखी गई मांग पर सहमति नहीं बनने पर पुन: वार्ता विफल हो गई।
बताते चलें कि 50 से अधिक सफाईकर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। सफाईकर्मी चंदन मल्लिक, अजय मल्लिक, मुकेश मल्लिक ने बताया कि कार्यपालक पदाधिकारी का व्यवहार ठीक नहीं है। एक नगर कर्मचारी ने बताया कि दरअसल सफाईकर्मी की हड़ताल पर जाने का एक यह भी कारण है कि मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद सफाई का ठेका नगर विकास विभाग में कार्यरत विशेष कार्य पदाधिकारी (ओएसडी) इंदु कुमारी के पति के नाम पर ठेका लेना चाहते हैं जो एक एनजीओ चलाते हैं। वही दूसरी ओर कार्यपालक पदाधिकारी चाहते हैं कि यह ठेका उनके एक करीबी को मिले, ताकि इसमें उनकी सीधे हिस्सेदारी हो। तीसरा एक पक्ष इसमें कुछ बुद्धिजीवी पार्षद हैं जो चाहते हैं कि सफाई कार्य विभागीय स्तर से ही हो और सफाईकर्मी का भुगतान पार्षदों द्वारा किया जाए। इन्हीं सब कारणों से बीते दिनों दो सशक्त स्थाई समिति की आहूत बैठक का बहिष्कार सदस्यों द्वारा किया गया और सफाईकर्मी को सड़क पर छोड़ दिया गया।