पोखरों की उड़ाही के साथ वर्षा जल संचयन योजना को भी दी जा रही है गति
बेगूसराय। सरकार जल संरक्षण व संचयन के लिए तालाब पाइन कुआं आदि का सर्वे करवाकर उसकी उड़ाही प्रमुखता से करवा रही है। वर्षा जल संचय के लिए सरकारी भवनों पर भी छत वर्षा जल संचयन योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
बेगूसराय। सरकार जल संरक्षण व संचयन के लिए तालाब, पाइन, कुआं आदि का सर्वे करवाकर उसकी उड़ाही प्रमुखता से करवा रही है। वर्षा जल संचय के लिए सरकारी भवनों पर भी छत वर्षा जल संचयन योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके तहत भवनों के छत पर गिरने वाले वर्षा के पानी को जमीन तक लाने के लिए पाइप लगाने तथा पाइप को सोख्ता से जोड़ने का काम किया जा रहा है। कई सरकारी भवनों में छत वर्षा जल संचयन योजना का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा अन्य भवनों में भी इस योजना का क्रियान्वयन कराया जा रहा है।
जल संरक्षण व संचयन के लिए मुख्यमंत्री सात निश्चय एवं मनरेगा के तहत भी सरकारी व निजी जमीन पर नए पोखर व तालाब निर्माण सहित पुराने पोखर व तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसके अलावा चापाकल के पानी को बर्बाद होने से बचाने के लिए चापाकलों के समीप भी सोख्ता निर्माण कराया जा रहा है।
मनरेगा से खोदावंदपुर परखंड मुख्यालय स्थित तालाब की उड़ाही एक लाख चार हजार छह सौ सात रुपये की राशि से कराया जा चुका है। प्रखंड सह अंचल कार्यालय की छत पर भी वर्षा जल योजना के तहत संयंत्र लगाकर कार्यालय के अगल-बगल में आधा दर्जन सोख्ता का निर्माण कार्य पूरा किया गया है। बीडीओ राघवेंद्र कुमार ने बताया कि वर्षा जल संचयन योजना के तहत सरकारी भवनों एवं शिक्षण संस्थानों की छत पर व्यापक पैमाने पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने आमजनों से भी अपने निजी भवनों की छत पर इस तरह का संयंत्र लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोगों को घर के आस-पास जल निकासी एवं जल जमाव वाले स्थल पर सोख्ता निर्माण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इससे जल संचय कर भूजल स्तर को नीचे जाने से रोका जा सकता है।