पुरोहित करा रहे ऑनलाइन दुर्गा पूजा, दक्षिणा भी मिल रहा ऑनलाइन

बेगूसराय वासंतिक नवरात्र पूजन विगत दिनों कलश स्थापना के साथ आरंभ हो गया है। चैती दुर्गा पूज

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 09:50 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 09:50 PM (IST)
पुरोहित करा रहे ऑनलाइन दुर्गा पूजा, दक्षिणा भी मिल रहा ऑनलाइन
पुरोहित करा रहे ऑनलाइन दुर्गा पूजा, दक्षिणा भी मिल रहा ऑनलाइन

बेगूसराय : वासंतिक नवरात्र पूजन विगत दिनों कलश स्थापना के साथ आरंभ हो गया है। चैती दुर्गा पूजा के नाम से प्रचलित वासंतिक नवरात्र को लेकर समूचा इलाका दुर्गा सप्तशती के पाठ से गुंजायमान हो रहा है। तमाम दुर्गा स्थलों पर प्रतिमा निर्माण अंतिम चरण में है। इन सबके बीच अभी संपूर्ण जिला कोरोना महामारी की दूसरी लहर की चपेट में है। परंतु, सार्वजनिक दुर्गा स्थानों पर सैनिटाइजर, हाथ धोने के साबुन, मास्क के बगैर सुबह शाम सैकड़ों भक्तजन मां दुर्गा की आरती के लिए उपस्थित हो रहे हैं। छौड़ाही प्रखंड भी कोरोना की खतरनाक दूसरी लहर से अछूता नहीं रहा है। ऐसी परिस्थिति में पंडित जी भी भक्तों एवं श्रद्धालुओं से निवेदन कर रहे हैं कि अपने-अपने घरों में ही रह कर स्वजनों समेत विधि विधान से माता की आराधना करें।

वेदाचार्य पंडित बनारसी झा नारायणपुरी कहते हैं कि श्रीदुर्गा सप्तशती के द्वादश अध्याय के आठवें श्लोक में वर्णित उपसर्गानशेषांस्तु महामारी समुद्भवान तथा त्रिविधमुत्पातं माहात्म्यं शमयेन्मम। अर्थात देवी स्वयं कहतीं हैं कि मेरा महात्म्य महामारी जनित समस्त उपद्रवों तथा आध्यात्मिक आदि तीनों प्रकार के उत्पात को शांत करने वाला है। इस मंत्र का जाप करें। काल परिस्थिति के अनुसार ही नवरात्र पूजन घर में करना उत्तम होगा।

पंडित विद्याकांत झा कहते हैं कि इस वर्ष वासंतिक नवरात्र देशव्यापी महामारी कोरोना वायरस के साये में हो रहा है। इस स्थिति में हमें माता की पूजा-अर्चना अपने घरों में ही रहकर करनी चाहिए। सरकार द्वारा जारी निर्देशों का अक्षरश: पालन करना सभी का कर्तव्य है।

पंडित शंभूनाथ झा वेदपाठी कहते हैं कि अभी सामूहिक रूप से मंदिर जाने से परहेज करें। मास्क जरूर लगाएं और हाथ साबुन से बराबर धोते रहें। घर पर रहकर ही पूजा-पाठ, यज्ञ-हवन करें। उन्होंने कहा कि उक्त मंत्र कोरोना से जंग में निर्णायक सिद्ध होगा। घर पर रहकर कपूर, लौंग, जायफल, जावित्री, काली तिल, गिलोय, नीम पत्ती, गाय घी से हवन करें। नियमित महामृत्युंजय महामंत्र से हवन यज्ञ करने पर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है एवं सकारात्मक सोच में वृद्धि होती है।

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