किसानों की बढ़ी मुश्किलों का हल निकालने में सरकार विफल : अशोक

बिना पूर्व नियोजित सुविचारित व संसद को विश्वास में लिए बिना व्यक्तिगत सोच के आधार पर देश पर एका-एक लॉकडाउन थोप दिया गया। सरकार के इस विवेकहीन लॉकडाउन से किसान खेत मजदूर एवं प्रवासी मजदूरों की मुसीबत उनके लिए जानलेवा साबित हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 10:10 PM (IST) Updated:Thu, 28 May 2020 06:05 AM (IST)
किसानों की बढ़ी मुश्किलों का हल निकालने में सरकार विफल : अशोक
किसानों की बढ़ी मुश्किलों का हल निकालने में सरकार विफल : अशोक

बेगूसराय । बिना पूर्व नियोजित, सुविचारित व संसद को विश्वास में लिए बिना व्यक्तिगत सोच के आधार पर देश पर एका-एक लॉकडाउन थोप दिया गया। सरकार के इस विवेकहीन लॉकडाउन से किसान, खेत मजदूर एवं प्रवासी मजदूरों की मुसीबत उनके लिए जानलेवा साबित हुआ है। आम जनता के साथ किसानों की बढ़ी हुई मुश्किलों का हल निकालने में सरकार विफल रही है। उक्त बातें बुधवार को आल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति के जिला इकाई द्वारा समाहरणालय के समक्ष आयोजित धरना को संबोधित करते हुए बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने कहीं। उन्होंने कहा कि इस अप्रत्याशित संकट के दौर में भी किसान गेहूं, मक्का से लेकर, अंडा, मछली, मांस, शहद, सब्जी, फल, फूल आदि का उत्पादन कर देश के 135 करोड़ की आबादी का पेट भरने का कार्य कर रहे हैं। लेकिन सरकार इन किसानों के कार्यों की सराहना तक नहीं की। उन्होंने कहा कि सरकार देश के लिए बीस लाख करोड़ की घोषणा कर दी है। परंतु इस घोषणा में देश के किसानों के लिए कुछ भी नहीं है। किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। माकपा नेता व पूर्व विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार खेती से लेकर व्यापार तक में कारपोरेट को बढ़ावा देकर किसानों की स्वतंत्रता छीनने की साजिश कर रही है। धरना को किसान नेता बैजू सिंह, अरविद सिंह, रत्नेश झा, सुरेश यादव, मनोज कुमार, अंजनी सिंह, आनंद प्रसाद सिंह, रामाशीष राय, नवीन कुमार, टुनटुन दास आदि ने भी संबोधित किया। वक्ताओं ने किसानों के सभी कर्ज माफ करने, बर्बाद होने वाले उत्पादों को डेढ़ गुणा दाम पर सरकार से खरीदने, वर्षा, तुफान व ओलावृष्टि से हुए फसल नुकसान के लिए 15 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने आदि की मांग भी सरकार से की।

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