शाम्हो में बाढ़ पूर्व की जा रहीं तैयारियां

बेगूसराय प्रखंड क्षेत्र में यास चक्रवात के समय से शुरू हुई बारिश मानसून के आगमन के बाद भी

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 07:26 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 07:26 PM (IST)
शाम्हो में बाढ़ पूर्व की जा रहीं तैयारियां
शाम्हो में बाढ़ पूर्व की जा रहीं तैयारियां

बेगूसराय : प्रखंड क्षेत्र में यास चक्रवात के समय से शुरू हुई बारिश मानसून के आगमन के बाद भी लगातार एक दो दिन रुककर हो रही है। शाम्हो प्रखंड क्षेत्र तीन ओर से नदियों से घिरा हुआ है। दक्षिण में हरोहर नदी एवं पूर्व में क्यूल नदी दोनों पहाड़ी नदी है, जो वर्षा पर आधारित हैं। उत्तर में विशाल गंगा नदी है। लगातार वर्षा के कारण तीनों नदियों के जलस्तर में धीमी गति से वृद्धि जारी है। गंगा नदी में पानी भर गया है। क्यूल और हरोहर नदी में बाढ़ से जहां आंशिक क्षति होती है, वहीं गंगा नदी में बाढ़ आने से क्षेत्र में स्थिति भयावह हो जाती है। बाढ़ से नुकसान को बचाने या कम करने को आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़ पूर्व प्रत्येक वर्ष तैयारी करती है। इस साल भी अंचल कार्यालय में इसकी तैयारी चल रही है। 20 नाव मालिकों के साथ हुआ इकरारनामा : शाम्हो बीडीओ सह सीओ नौशाद आलम ने बताया कि शाम्हो की तीनों पंचायतों में कुल 44 वार्ड हैं। बाढ़ पूर्व तैयारियों के तहत आपदा संपूर्ति सूची के तहत सात हजार परिवारों के आधार कार्ड और बैंक खातों के विवरण के साथ बाढ़ के बाद मिलने वाली राहत राशि के लिए सूचीबद्ध किया जा चुका है। वार्ड सदस्यों के माध्यम से इसकी कमियों को दूर कर छूटे हुए परिवार के नाम जोड़ें जा रहे हैं। प्रखंड क्षेत्र में दो सरकारी नाव चालू हालत में हैं। वहीं 20 नाव मालिकों के साथ इकरारनामा किया गया है। 15 राहत एवं बचाव दल का गठन किया गया है। प्रत्येक दल में तीन सदस्य रहेंगे। क्षेत्र में 12 प्रशिक्षित गोताखोर हैं जिनकी सेवा ली जाती है। क्षेत्र के 13 विद्यालय राहत शिविर के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, जहां बाढ़ प्रभावितों के लिए खाने की व्यवस्था की जाएगी। श्रीकल्याण सिंह प्लस टू विद्यालय को आइसोलेशन सेंटर के रूप में बाढ़ के समय इस्तेमाल करने को चिन्हित किया गया है। नहीं हैं उपलब्ध लाइफ जैकेट, मोटर बोट, एयर मोटर बोट बीडीओ सह सीओ नौशाद आलम ने कहा प्रखंड क्षेत्र के लिए एक भी लाइफ जैकेट नहीं हैं। मोटर वोट, एयर मोटर वोट नहीं रहने के चलते शाम्हो की भौगोलिक स्थिति के कारण जिला मुख्यालय से पहुंचने में काफी समय लग जाता है। इस ओर वरीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले बाढ़ के आंकड़े के मुताबिक क्षेत्र में 15 अगस्त के बाद ही बाढ़ अक्सर आती है। बताते हैं तीनों पंचायतों के मुखिया

अकबरपुर बरारी पंचायत के मुखिया मणिकांत सिंह ने कहा कि करार सिर्फ बड़ी नाव के लिए किए जाते हैं, जबकि बाढ़ के समय गांव से गांव को जोड़े रखने के लिए छोटी नाव की आवश्यकता होती है। सलहा सैदपुर बरारी पंचायत-एक के मुखिया धीरज यादव कहते हैं बाढ़ के पानी से सबसे अधिक उनकी पंचायत के लोग प्रभावित होते हैं। आवागमन के लिए संपर्क टूट जाता है। उस समय छोटी नाव की जरूरत अधिक होती है। सलहा सैदपुर बरारी पंचायत संख्या दो के मुखिया पमपम देवी के प्रतिनिधि नुनू सिंह कहते हैं कि प्रत्येक साल जगह-जगह छोटी नाव नहीं रहने के कारण लोगों के डूबने की घटना होती है। बताते चलें कि शाम्हो में साल 2019 में आई बाढ़ में एक लड़की सहित चार लोगों की जबकि साल 2020 में आंशिक बाढ़ में एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई थी।

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