शारीरिक व मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों पर दें विशेष ध्यान : डीएम

बेगूसराय। डीएम अरविद कुमार वर्मा ने शुक्रवार को जिला बाल संरक्षण इकाई के अधीन संचालित विभिन्न गृहों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बालगृहों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा आवासित बच्चों से बात भी की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 07:45 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 07:45 PM (IST)
शारीरिक व मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों पर दें विशेष ध्यान : डीएम
शारीरिक व मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों पर दें विशेष ध्यान : डीएम

बेगूसराय। डीएम अरविद कुमार वर्मा ने शुक्रवार को जिला बाल संरक्षण इकाई के अधीन संचालित विभिन्न गृहों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बालगृहों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा आवासित बच्चों से बात भी की। निरीक्षण के दौरान डीएम ने गृहों की सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति, परिसर की साफ-सफाई की स्थिति, आवासित बच्चे एवं बच्चियों के रहन-सहन एवं स्वास्थ्य की स्थिति, उनके शैक्षणिक विकास एवं मनोरंजन की व्यवस्था का भी जायजा डीएम ने लिया। इस दौरान डीएम ने गृहों के विभिन्न पंजियों का भी निरीक्षण किया तथा विभागीय निर्देश के आलोक में सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। डीएम ने गृह में आवासित शारीरिक एवं मानसिक रूप से दिव्यांग बालक-बालिकाओं पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य कार्यालय से समन्वय स्थापित करने का निर्देश भी दिया। निरीक्षण के दौरान डीएम ने गृहों के स्टोर रूम एवं बाथरूम का भी जायजा लिया। यहां निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को दूर करने का निर्देश दिया। उन्होंने यहां आवासित बच्चों के कपड़ों के रख-रखाव के लिए अलग-अलग जगह निर्धारित करने का निर्देश भी दिया।

निरीक्षण के उपरान्त डीएम ने कहा कि बालगृह में कुल 21 बच्चे आवासित हैं। जिसमें से तीन बच्चे स्वस्थ पाए गए, जबकि शेष 18 बच्चे मानसिक रूप से दिव्यांग हैं। उन्होंने कहा कि विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में कुल आठ बच्चे आवासित पाए गए। जिसमें पांच बालक एवं तीन बालिका है। उन्होंने बच्चों को संतुलित एवं पौष्टिक आहार की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया। साथ ही आवासित बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए सिविल सर्जन को एक शिशु रोग विशेषज्ञ को प्रतिनियुक्त करने का निर्देश दिया, जो साप्ताहिक तौर पर संस्थान में आकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं आवश्यक कार्रवाई कर सकें।

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