मजदूरी करने दिल्ली जा रहे वृद्ध की ट्रेन में हुई मौत

बेगूसराय। गढ़पुरा बाजार के वार्ड नंबर आठ निवासी 65 वर्षीय गणपति महतो उर्फ नागो महतो की मौत दिल्ली जाने के क्रम में गुरुवार को ट्रेन में हो गई। उनका शव गोरखपुर जंक्शन पर उनके साथ चल रहे ग्रामीणों ने उतार दिया। इसके बाद शव को गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने अपने कब्जे में ले लिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 06:02 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 06:02 PM (IST)
मजदूरी करने दिल्ली जा रहे वृद्ध की ट्रेन में हुई मौत
मजदूरी करने दिल्ली जा रहे वृद्ध की ट्रेन में हुई मौत

बेगूसराय। गढ़पुरा बाजार के वार्ड नंबर आठ निवासी 65 वर्षीय गणपति महतो उर्फ नागो महतो की मौत दिल्ली जाने के क्रम में गुरुवार को ट्रेन में हो गई। उनका शव गोरखपुर जंक्शन पर उनके साथ चल रहे ग्रामीणों ने उतार दिया। इसके बाद शव को गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने अपने कब्जे में ले लिया। शुक्रवार को शव को पोस्टमार्टम के लिए गोरखपुर सदर अस्पताल भेज दिया गया। वहां पहुंचे पुत्र लाल बाबू महतो एवं घर के अन्य सदस्यों ने शव प्राप्त कर गोरखपुर में ही अंतिम संस्कार कर दिया।

इस संबंध में गोरखपुर जंक्शन के जीआरपी थानाध्यक्ष राम व्यास सिंह ने बताया कि मृतक के साथ उनके कुछ ग्रामीण भी थे, जो संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन से शव को दो नंबर प्लेटफार्म पर उतारकर शाम के वक्त रख दिये। इसके बारे में सूचना मिलने पर वहां पहुंच कर शव को कब्जे में ले लिया गया। तलाशी के दौरान उनके जेब से आधार कार्ड मिलने पर छानबीन की गई। गढ़पुरा थानाध्यक्ष मनीष कुमार को वाट्सएप के माध्यम से इसकी सूचना गुरुवार को देर शाम दी गई। थानाध्यक्ष ने क्षेत्र में जानकारी लेकर नांगो महतो की मौत की खबर स्वजनों को दी। मौत की सूचना पर स्वजन गोरखपुर पहुंचे एवं शव का वहीं दाह संस्कार कर दिया।

नांगो महतो तीन अन्य ग्रामीणों के साथ दिल्ली के लिए गुरुवार की सुबह चले थे। समस्तीपुर जंक्शन से बिहार संपर्क क्रांति 8:10 बजे पकड़ कर दिल्ली के लिए रवाना हुए। ट्रेन में ही दोपहर बाद नांगो महतो की तबीयत एकाएक बिगड़ने लगी। पेट में दर्द और बेचैनी बढ़ गई थी। गोरखपुर जंक्शन पहुंचते-पहुंचते ही उनकी मौत हो गई। स्वजनों के अनुसार वे काफी दिन तक दिल्ली में ही मेहनत मजदूरी करते थे। लगभग एक वर्ष से गांव में ही थे। बेटा और पुत्रवधु दोनों दिल्ली जाने के लिए मना कर रहे थे, परंतु वे उनकी बात नहीं मानें और दिल्ली निकल गए और अंतत: उनकी मौत हो गई।

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