बखरी को जिला बनाने को लेकर जनांदोलन खड़ा करने का लिया संकल्प

बेगूसराय बखरी अनुमंडल के 27वें स्थापना दिवस के मौके पर विभिन्न सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं न

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 09:19 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 09:19 PM (IST)
बखरी को जिला बनाने को लेकर जनांदोलन खड़ा करने का लिया संकल्प
बखरी को जिला बनाने को लेकर जनांदोलन खड़ा करने का लिया संकल्प

बेगूसराय : बखरी अनुमंडल के 27वें स्थापना दिवस के मौके पर विभिन्न सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं ने अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया। वैष्णवी दुर्गा पूजा समिति ने दीप जलाकर अपनी खुशियों का इजहार किया। वहीं क्षेत्र की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय के तत्वावधान में मुख्य समारोह एवं विचार गोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता पुस्तकालय के अध्यक्ष डा. विशाल केशरी ने की। संचालन प्रतिनिधि कौशल क्रांति ने की। स्थापना दिवस पर बखरी को जिला बनाने की मांग को लेकर जनांदोलन खड़ा करने का संकल्प लिया गया। विचार गोष्ठी में विषय प्रवेश करते हुए भाजपा नेता नगर पार्षद सिधेश आर्य ने कहा कि आजादी के बाद से ही बखरी शासन और प्रशासन के स्तर पर भेदभाव का शिकार होता रहा है। तमाम अहर्ताओं के बावजूद 90 के दशक तक इसे अनुमंडल का दर्जा नहीं दिया गया था। क्षेत्र की उपेक्षा से नाराज बखरी के युवाओं ने संघर्ष का रास्ता चुना। स्वत: स्फूर्त आंदोलन में जनता का भरपूर सहयोग मिला। नतीजा हुआ कि 12 अक्टूबर 1994 को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को बखरी अनुमंडल के उदघाटन के लिए बाध्य होना पड़ा, परंतु स्थापना के 27 साल बीत जाने के बाद भी यहां अनुमंडल स्तरीय अस्पताल, जेल, न्यायालय एवं नागरिक सुविधाओं का घोर अभाव है। उन्होंने कहा कि बखरी जिला बनने की तमाम अहर्ताओं को पूरा कर रहा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जिला बनाओ संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल को सकारात्मक आश्वासन भी दिया था, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है। अनुमंडल आंदोलन के अगुआ कांग्रेस नेता कमलेश कंचन ने संघर्ष के दिनों को याद किया और कहा कि आज कि युवा पीढ़ी को अपनी विरासत समझनी और याद रखनी चाहिए। पूर्व मुखिया एवं अधिवक्ता मनोहर केशरी ने कहा कि जिस उद्देश्य को लेकर अनुमंडल की स्थापना की गई थी, वह आज भी अधूरा है। जन पहल के संयोजक विकास वर्मा ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार नासूर बन चुका है। बिना लेन देन के कोई भी जनहित का कार्य नहीं होता है। जनता को भ्रष्टाचार से मुक्ति हेतु आंदोलन के लिए एक बार फिर से आगे आना होगा। विचार गोष्ठी को बाइट कंप्यूटर के निदेशक संजय कुमार, डा. आरएन झा, पुस्तकालय के पूर्व अध्यक्ष प्रेम किशन मन्नू, संरक्षण समिति के सदस्य वैद्यनाथ प्रसाद केशरी, राजकिशोर साह उर्फ एसपी, छोटू केशरी, कविराज शर्मा, निशांत वर्मा आदि ने भी संबोधित किया। डा. रमण झा के संयोजन में आयोजित स्थापना दिवस समारोह के उपरांत पुस्तकालय तालाब के चारों ओर दीपावली सा नजारा दिखा। लोग अपने हाथों में मोमबत्तियां जलाकर खुशी का इजहार किया। इधर एसडीओ अशोक कुमार गुप्ता ने अनुमंडल वासियों को स्थापना दिवस की मुबारकबाद देते हुए कहा कि कोरोना काल के कारण कोई बड़ा समारोह आयोजित नहीं किया गया।

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