गांव वाले नहीं आए तो कोरोना से मृत पति को पत्नी ने दी मुखाग्नि
बेगूसराय हिन्दू सनातनी धर्म की परंपरा के अनुसार मरने के बाद मुखाग्नि दी जाती है। मुखाग्नि पि
बेगूसराय : हिन्दू सनातनी धर्म की परंपरा के अनुसार मरने के बाद मुखाग्नि दी जाती है। मुखाग्नि पिता, माता को उसके पुत्र देते रहे हैं। परंतु, वर्तमान परिवेश में नैतिकता का इतना पतन हो गया है कि अब पत्नी ही पति को मुखाग्नि दे रही हैं। सोमवार को सदर अस्पताल में कोरोना से नगर पंचायत बखरी के वार्ड संख्या 19, शकरपुरा निवासी 70 वर्षीय पुत्र त्रिभुवन प्रसाद सिंह की मौत इलाज के दौरान हो गई। मृतक त्रिभुवन प्रसाद सिंह के साथ उनकी पत्नी निशा देवी ही साथ थीं। गांव वाले कोई नहीं आए। इसकी सूचना मिलने पर सदर एसडीओ संजीव कुमार चौधरी ने मंगलवार की सुबह बरौनी सीओ सुजीत सुमन को सिमरिया गंगा नदी तट पर दाह संस्कार कराने का निर्देश दिया। मंगलवार की दोपहर सिमरिया घाट पर सदर अस्पताल की एंबुलेंस से शव पहुंचा। यहां पर बरौनी सीओ सुजीत सुमन ने शव के दाह संस्कार की पूरी व्यवस्था कर रखी थी। इसके बाद निशा देवी ने बरौनी सीओ के द्वारा उपलब्ध कराए गए पीपीई किट पहनकर गले में उतरी डालकर पति को मुखाग्नि दी।
निशा ने बताया कि ससुराल अथवा नैहर, कहीं से भी उनके साथ कोई नहीं आया है। 12 मई को उनके पति को बुखार लगी थी। उन्हें घरेलू उपचार दिया जा रहा था। स्थिति ज्यादा खराब होने के बाद 28 मई को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 31 मई को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बताया कि उन्हें एक पुत्र है जो गूंगा है। शकरपुरा में दो घर गोतिया है वह भी जमीन हड़पने की जुगत में हैं। एक कर्कट का घर है। बकरी पालन और ट्रैक्टर चलाकर पति किसी तरह परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। पढी लिखी नहीं होने के चलते खगड़िया जिले के गोगरी जमालपुर स्थित अपनी नैहर भी सूचना भी नहीं दे सकी और अकेले पति का शव लेकर सिमरिया गंगा नदी श्मशान घाट पर पहुंची। यहां पर प्रशासन के अनुसार दाह-संस्कार किया गया।
बताते चलें कि इससे पूर्व 18 मई को भी सिमरिया गंगा नदी तट पर समस्तीपुर विभूतिपुर के पतैलिया निवासी स्व. शंभू चौरसिया की पुत्री कंचन देवी ने अपने पति को मुखाग्नि दी थी। उसके पति मुंगेर के रामनगर थाना के बड़ैचक पाटन निवासी विकास कुमार की मौत कोरोना से हो गई थी।